नई दिल्ली। बीते साल लद्दाख में गलवान की खूनी भिड़ंत देखने को मिली थी। इस खूनी झड़प में कांटेदार तार लगे डंडो और पत्थरों का इस्तेमाल किया था। चीन सेना भारतीय सैनिकों के खिलाफ युद्ध के लिए हाथों में लाठी, डंडे, कांटेदार तार, पत्थर के साथ ही बेस बॉल के बैट पर कांटेदार तार लगाकर लाए थे। भले ही ये हिंसक झड़प बिना गोलीबारी के हुई लेकिन बावजूद इसके हमारे सैनिकों को इसमें काफी छति पहुंची। भारतिय सैनिकों ने चीनी सेना का डटकर सामना किया। जून में पैंगोंग झील के पास हुई इस खूनी भिड़ंत में हमारे 20 जवान शहीद हो गए थे। ऐसे में अब चीन को ईट का जवाब पत्थर से देने के लिए भारतीय सुरक्षा बल भी तैयार है। दरअसल, चीनी सेना से मुक़ाबले के लिए सुरक्षा बलों के नए हथियार बनाए जा रहे हैं। इन हथियारों को मेक इन इंडिया के ज़रिए नोएडा स्थित Apasteron Company में निर्माण किया जा रहा है।
यहां देखें एक झलक
#WATCH ‘Trishul’ and ‘Sapper Punch’- non-lethal weapons-developed by UP-based Apasteron Pvt Ltd to make the enemy temporarily ineffective in case of violent face offs pic.twitter.com/DmniC0TOET
— ANI (@ANI) October 18, 2021
वज्र- वज्र जो कि एक मेटल की लाठी है, जिसमें दुश्मन को झटका देने के लिए करंट भी है। इस हथियार से सामने आने वाले किसी भी दुश्मन को कुछ देर के लिए बेहोश किया जा सकेगा।
त्रिशूल- भगवान महादेव शिव का हथियार माने जाने वाले त्रिशूल को खतरनाक हथियार माना जाता है। वैसे ही त्रिशूल की नोक काफी पैनी होती है जिससे ये इंसान के शरीर से पलभर में आर-पार हो जाती है। इसे चलाने के लिए खास ट्रेनिंग दी जाती है। वहीं अगर त्रिशूल में करंट का इस्तेमाल किया जाए तो ये पहले के मुकाबले और भी घातक हो जाता है।
सैपर पंच- सैपर पंच यानि एक तरह का बिजली वाला ग्लव्स। जो दुश्मन पर पंच मारने के काम आएगा। ये ग्लव्स क़रीब 8 घंटे तक बिजली से चार्ज रह सकता है। ये ग्लव्स वाटरप्रूफ़ है जो शून्य से 30 के तापमान में काम कर सकता है।
दंड- ये एक तरह का बिजली से चलने वाला डंडा है जो 8 घंटे तक बिजली से चार्ज रह सकता है। इस वाटरप्रूफ़ डंडे की मार दुश्मनों को भगाने में सहायक रहेगा।
भद्र- भद्र एक ख़ास तरह की ढाल है, जो सेना को पत्थर के हमले से बचाने में काम आती है। इसमें मौजूद करंट दुश्मन को ज़ोर का झटका धीरे से देता है।