newsroompost
  • youtube
  • facebook
  • twitter

Jats Up Ante: किसान आंदोलन खत्म हुआ नहीं, अब जाटों ने कर दी है बीजेपी से ये मांग

यशपाल मलिक ने कहा कि सरकार की ओर से 2019 लोकसभा चुनाव से पहले भी जाट समाज के सामने वादे किए गए थे। हमारी मांगें लंबित हैं, जिन्हें अब पूरा करने का वक्त है। यशपाल मलिक ने कहा कि हम मुरादाबाद मंडल में अगली बैठक 25 नवंबर को करने जा रहे हैं।

नई दिल्ली। कृषि कानून की वापसी के एलान के बाद भी किसानों का आंदोलन खत्म नहीं हुआ है। वहीं, अब जाट समुदाय बीजेपी के लिए नई मुश्किल बन रहा है। जाटों ने फिर से आरक्षण देने की मांग दोहराई है। यूपी विधानसभा चुनाव से ऐन पहले फिर उठी इस मांग की वजह से जाटों को समझाने में बीजेपी को खासी मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है। अखिल भारतीय जाट आरक्षण संघर्ष समिति ने जाट आरक्षण को लेकर बड़ा ऐलान किया है। जाट आरक्षण संघर्ष समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष यशपाल मलिक ने कहा है कि आरक्षण की लड़ाई सड़कों पर नहीं वोट से होगी। यशपाल मलिक ने कहा कि सरकार की ओर से 2019 लोकसभा चुनाव से पहले भी जाट समाज के सामने वादे किए गए थे। हमारी मांगें लंबित हैं, जिन्हें अब पूरा करने का वक्त है। यशपाल मलिक ने कहा कि हम मुरादाबाद मंडल में अगली बैठक 25 नवंबर को करने जा रहे हैं। इसके बाद अलीगढ़, आगरा और अन्य मंडलों में बैठक होंगी। 1 दिसंबर को जाट राजा महेंद्र प्रताप सिंह की जयंती पर अभियान भी चलाया जाएगा।

PM Modi and CM Yogi

यशपाल ने कहा कि मोदी सरकार ने 2015-2017 में आरक्षण देने का वादा किया था। जाट समाज अब आरक्षण के लिए राजनीतिक संघर्ष के लिए तैयार हो गया है। उन्होंने कहा कि जाट आरक्षण आंदोलन तो कृषि कानून के विरोध में हुए आंदोलन से भी बड़ा है। यशपाल मलिक ने कहा कि केंद्र सरकार ने जाट समाज के प्रमुख संगठनों, मंत्रियों, सांसदों, विधायकों की उपस्थिति में केंद्रीय स्तर पर जाट आरक्षण का वादा किया था। 2017 में विधानसभा चुनाव से ठीक पहले पूर्व केंद्रीय मंत्री चौधरी विरेंद्र सिंह के आवास पर आरक्षण का भरोसा दिया गया था।

यशपाल ने कहा कि इस बार सड़क पर आरक्षण की लड़ाई नहीं लड़ेंगे, बल्कि वोट से लड़ेंगे। मलिक ने कहा कि 7 मंडलों में 124 विधानसभा सीटों पर जाट समाज का असर है। जाट आरक्षण नहीं मिला तो फिर हम राजनीतिक निर्णय के लिए बाध्य होंगे। मलिक ने चुनाव के समय आरक्षण की मांग पर कहा कि राजनीतिक फैसले जब चुनाव के समय होते हैं, तो संघर्ष भी इसी समय होगा। उन्होंने कहा कि जाटों को अब वादा नहीं आरक्षण चाहिए।