नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर से अुनच्छेद 370 हटने के बाद से ही नजरबंद किए गए जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला को मंगलवार को रिहा कर दिया गया है। रिहा होते ही अब्दुल्ला ने अन्य सभी जो अभी भी नजरबंद हैं, उन्हें रिहा करने की वकालत की। बता दें कि अनुच्छेद 370 के निष्क्रिय होने के बाद से उमर और उनके पिता फारुक अब्दुल्ला सहित कई नेता नजरबंद चल रहे थे।
कुछ महीने पहले उमर अब्दुल्ला पर पब्लिक सिक्योरिटी एक्ट भी लगा दिया गया था, जिसे अब हटाया गया। उमर की रिहाई का आदेश आज यानी कि मंगलवार को आया। कागजी कार्रवाई पूरी होने के बाद उन्हें रिहा किया गया। इसके बाद उमर अब्दुल्ला अपनी कार से घर पहुंचे। घर पहुंचकर उमर अब्दुल्ला ने कहा कि राज्य और राज्य के बाहर हिरासत में रखे गए सभी लोगों को रिहा किया जाना चाहिए।
उमर ने कहा कि इन कठिन परिस्थितियों में महबूबा मुफ्ती और अन्य सभी राजनीतिक और गैर-राजनीतिक नेताओं को रिहा किया जाना चाहिए। इस दौरान उन्होंने कहा कि मैंने सोचा था कि मैं अपनी शर्तों पर ही बात करूंगा लेकिन कोरोना वायरस से हमें एकजुट होकर लड़ना होगा, इस वजह से मैं आपके सामने अपनी बात रखने के लिए आया हूं।
हीं, नेशनल कॉन्फ्रेंस ने मंगलवार को पार्टी उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला की सात महीने बाद हुई रिहाई का स्वागत किया। इसके साथ ही अनुच्छेद-370 हटाए जाने के बाद से जम्मू-कश्मीर के अंदर और बाहर के राज्यों की जेलों में बंद सभी राजनीतिक बंदियों और अन्य की रिहाई की मांग की।
पार्टी अध्यक्ष डॉ फारूक अब्दुल्ला ने पार्टी उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला को रिहा जाने पर खुशी जताते हुए कहा कि मुझे उन्हें नजरबंदी से बाहर देखकर खुशी हुई। साथ ही उन्होंने कहा कि पूरी खुशी तभी होगी जब सभी राजनीतिक बंदियों और अन्य को रिहा किया जाएगा। मैं उन लोगों, राजनेताओं, सांसदों का आभार व्यक्त करता हूं, जो सभी के साथ मिलकर उनकी रिहाई की मांग कर रहे हैं।
इस बीच पार्टी के संसद सदस्य मुहम्मद अकबर, हसनैन मसूदी ने भी पार्टी के उपाध्यक्ष की रिहाई का स्वागत किया है। पार्टी के सभी नेताओं और पदाधिकारियों ने उमर अब्दुल्ला की रिहाई का स्वागत किया। साथी ही उन्होंने पार्टी महासचिव अली मोहम्मद सागर की तत्काल रिहाई की मांग की। बता दें कि वह पीएसए के तहत हिरासत में हैं।