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किसानों के मुद्दे पर हंगामे के कारण राज्यसभा बुधवार तक के लिए स्थगित

Budget Session 2021: राज्यसभा में किसानों के मुद्दे पर हंगामा हो रहा है। विपक्षी सांसदों ने किसान विरोधी काले कानून वापस लेने को लेकर नारेबाजी की। इसके बाद विपक्षी दलों ने सदन से वॉकआउट दिया और शन्यू काल शुरू हो गया।

नई दिल्ली। कृषि कानूनों को लेकर मंगलवार को विपक्ष के हंगामे के कारण बार-बार कार्यवाही स्थगित होने के बाद आखिरकार राज्यसभा की कार्यवाही दिनभर के लिए स्थगित कर दी गई। बार-बार स्थगन के बाद तीसरी बार कार्यवाही शुरू होने पर भी विपक्ष का हंगामा थमता नहीं देखकर इसे दिनभर के लिए स्थगित करना पड़ गया। विपक्ष द्वारा सभापति एम. वेंकैया नायडू के स्थगन नोटिस को स्वीकार करने से इनकार करने के बाद राज्यसभा को पहली बार पूर्वाह्न 10.30 बजे तक स्थगित कर दिया गया। दूसरा पूर्वागह्न 11.30 बजे तक था, और कार्यवाही शुरू होने के बाद तीसरा स्थगन दोपहर 12.30 बजे तक के लिए कर दिया गया। इसके बाद, सदन को विपक्ष के जबरदस्त हंगामे के कारण दिन भर के लिए स्थगित कर दिया गया।

RS Chairman

बजट पेश किए जाने के एक दिन बाद संसद में जबरदस्त हंगामा हुआ। राज्यसभा के सभापति एम. वेंकैया नायडू ने कृषि कानूनों पर विपक्ष द्वारा दिए गए स्थगन नोटिस को अस्वीकार कर दिया था। इससे विपक्षी सदस्य भड़क गए और वॉक आउट किया। फिर कुछ देर बाद सदन में लौटे विपक्षी सदस्यों ने सभापति के आसन के पास नारे लगाए। संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा, “विपक्ष को सभापति के फैसले को मानना चाहिए।”

सभापति ने कहा, “कल (बुधवार) राष्ट्रपति के धन्यवाद प्रस्ताव के दौरान आंदोलनकारी किसानों और सरकार के बीच चल रही बातचीत पर चर्चा की जा सकती है।”

राष्ट्रीय जनता दल के मनोज झा, कांग्रेस के गुलाम नबी आजाद, द्रमुक के टी. शिवा, बहुजन समाज पार्टी के अशोक सिद्दार्थ, माकपा के ई. करीम ने स्थगन नोटिस दिया था। विपक्ष ने राज्यसभा के नियम 267 के तहत नोटिस दिया।

नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद ने कहा, “मामला गंभीर है और किसान महीनों से आंदोलन कर रहे हैं, इसलिए इस मामले पर चर्चा होनी चाहिए।” यही बात बसपा नेता सतीश चंद्र मिश्रा ने भी कही।

विपक्ष ने राज्यसभा के कामकाज को स्थगित करने और कृषि कानूनों को निरस्त करने की भी मांग की। इससे पहले, शुक्रवार को 18 विपक्षी दलों ने राष्ट्रपति के अभिभाषण का बहिष्कार किया था।

शुक्रवार को 18 विपक्षी दलों ने राष्ट्रपति के अभिभाषण का विरोध किया था।

अपडेट-

राज्यसभा की कार्यवाही बुधवार सुबह 9 बजे तक के लिए ​स्थगित हुई।

 

राज्यसभा सुबह 11:30 बजे तक के लिए स्थगित हुई।

राज्यसभा की कार्यवाही स्थगित होने पर आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह ने कहा कि सदन में सबसे पहले तीनों काले कानून वापस लेने पर चर्चा होनी चाहिए। यहां अगर हम किसान के मुद्दे नहीं उठा सकते तो सदन चलाने का मतलब क्या है।

सदन में विपक्ष की नारेबाजी के चलते राज्यसभा की कार्यवाही सुबह 10.30 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई है।

राज्यसभा में किसानों के मुद्दे पर हंगामा हो रहा है। विपक्षी सांसदों ने किसान विरोधी काले कानून वापस लेने को लेकर नारेबाजी की। इसके बाद विपक्षी दलों ने सदन से वॉकआउट दिया और शन्यू काल शुरू हो गया।

राज्यसभा के सभापति वेंकैया नायडू ने कहा कि किसानों के विरोध प्रदर्शन पर चर्चा आज नहीं, कल होगी। राष्ट्रपति ने अपने संबोधन में किसान आंदोलन का जिक्र किया था। मैं आज से चर्चा शुरू करना चाहता था लेकिन मुझे बताया गया कि चर्चा सबसे पहले लोकसभा में शुरू होती है। इसे ध्यान में रखते हुए हम कल राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा करने के लिए सहमत हुए हैं।