
मुंबई। सरकारी कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) के मुद्दे पर विपक्षी दल लगातार बीजेपी को चोट दे रहे हैं। इस मुद्दे पर पंजाब में आम आदमी पार्टी ने सरकार बना ली। इसी मुद्दे पर कांग्रेस ने हिमाचल में बीजेपी की सरकार उखाड़ फेंकी। छत्तीसगढ़ और राजस्थान की कांग्रेस सरकारों ने भी कहा है कि वो ओपीएस लागू करेंगे। वहीं, अब तक ओपीएस का विरोध कर रही बीजेपी के साथ मिलकर महाराष्ट्र में सरकार चला रहे एकनाथ शिंदे भी ओपीएस को दोबारा लागू करने के बारे में सकारात्मक विचार करने की बात कह चुके हैं। कुल मिलाकर अब तक बीजेपी ही ओपीएस के खिलाफ दिख रही है। ऐसे में शायद बीजेपी भी ओपीएस को फिर से लागू करने के बारे में सोचने लगी है। इसके संकेत महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस के बयान से मिले हैं।
देवेंद्र फडणवीस ने बुधवार को कहा कि महाराष्ट्र सरकार पुरानी पेंशन योजना को लागू करने के प्रति नकारात्मक सोच नहीं रखती। फडणवीस ने कहा कि मैं कह रहा हूं कि इस बारे में वित्त और अन्य विभागों से चर्चा करेंगे। समाधान जो भी हो, वो कम समय के लिए नहीं, बल्कि लंबे समय के लिए होना चाहिए। ये पहला मौका है, जब बीजेपी के किसी बड़े नेता ने ओपीएस के पक्ष में इस तरह अपनी बात रखी है। इसे सकारात्मक बताया है। कांग्रेस और एनसीपी को आड़े हाथ लेते हुए फडणवीस ने ये भी कहा कि ये लोग ओपीएस के बारे में सिर्फ बात करते हैं। अगर पुरानी योजना लाने की बात हो, तो सिर्फ हम ही ऐसा साहस कर सकते हैं।
देवेंद्र फडणवीस के बयान से लग रहा है कि महाराष्ट्र में एक बार फिर ओपीएस लाया जा सकता है। अगर ऐसा होता है, तो साफ है कि अब तक इस योजना का विरोध कर रही बीजेपी भी स्टैंड बदल रही है। हालांकि, पिछले दिनों ही मोदी सरकार में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने ओपीएस लागू करने के खिलाफ प्रतिकूल बयान दिया था। तमाम अर्थशास्त्री और रिजर्व बैंक भी ओपीएस लागू किए जाने से होने वाले वित्तीय नुकसान का हवाला कई बार दे चुके हैं। शायद वोटरों का ओपीएस के प्रति झुकाव ही है और चुनाव में इससे होने वाले नुकसान को देखते हुए बीजेपी फिर ओपीएस को लागू करने के बारे में सोच रही है।