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‘पानी’ पर झूठ बोला पाकिस्तान, भारत ने कर दी जवाब से बोलती बंद

आपको बता दें कि सिंधु जल समझौते, 1960 के तहत स्थायी सिंधु आयोग का गठन किया गया था। समझौते के मामलों में दोनों देशों के सिंधु आयुक्त अपने-अपने देशों के प्रतिनिधि के तौर पर कार्य करते हैं।

नई दिल्ली। पाकिस्तान ने चिनाब नदी में कम पानी छोड़े जाने का भारत पर आरोप लगाया तो भारत ने करारा जवाब देते हुए इस आरोप को बेबुनियाद बताया है। इस मामले में पाकिस्तानी आयुक्त सैयद मुहम्मद मेहर अली शाह ने सिंधु नदी मामलों के भारतीय आयुक्त प्रदीप कुमार को एक पत्र लिखकर कहा है कि चिनाब पर माराला हेडव‌र्क्स पर बहाव अप्रत्याशित रूप से 31,853 क्यूसेक से घटकर 18,700 क्यूसेक रह गया है।

Chinab nadi

उन्होंने प्रदीप कुमार से स्थिति की जांच करके उन्हें अवगत कराने का अनुरोध किया। इसपर भारतीय आयुक्त प्रदीप कुमार ने कहा है कि इस मामले को देखा गया है और पाकिस्तान का यह दावा बेबुनियाद है। उन्होंने कहा कि नदी का प्रवाह सामान्य है और इसमें कोई खास बदलाव नहीं दिखा है। पाकिस्तान को भी यही जवाब दिया गया है।

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पाकिस्तान के इस बयान पर प्रदीप कुमार ने कहा, ‘भारत में चिनाब और तवी नदियों पर अंतिम गेज और डिस्चार्ज स्थलों अखनूर व सिधरा में बहाव सामान्य है और कथित अवधि में उसमें किसी तरह का उल्लेखनीय बदलाव दिखाई नहीं दिया।’ उन्होंने कहा कि यही जवाब पाकिस्तान को दे दिया गया है। साथ ही उसे मामले की जांच कराने की सलाह भी दी गई है।

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आपको बता दें कि सिंधु जल समझौते, 1960 के तहत स्थायी सिंधु आयोग का गठन किया गया था। समझौते के मामलों में दोनों देशों के सिंधु आयुक्त अपने-अपने देशों के प्रतिनिधि के तौर पर कार्य करते हैं। गौरतलब है कि पाकिस्तान के पास कुल 1450 लाख एकड़ फुट नदी का पानी उपलब्ध है। इस 1450 लाख एकड़ फुट जल में 1160 लाख एकड़ फुट पानी सिंधु, झेलम और चिनाब नदियों से पाकिस्तान को मिलता है जो कि भारत से होकर ही बहती हैं। वर्षा के पानी को छोड़ दें तो नदियों से मिलने वाले पानी का अस्सी प्रतिशत पानी पाकिस्तान को भारत से मिलता है। यही पानी सर्दी और गर्मी में पाकिस्तान की कृषि, उद्योगों और शहरों के काम आता है। पाकिस्‍तान के आतंकवाद के समर्थन और भारत को अस्थिर करने की साजिश रचने के कारण इस समझौते को रद करने की मांग उठती रही है।