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Target Killing: कश्मीर घाटी में टारगेट किलिंग के पाकिस्तान कनेक्शन का खुलासा, ISI ने पिछले साल बनाया प्लान, इतने लोगों को मारने का है इरादा

जम्मू-कश्मीर के पूर्व डीजीपी शेषपाल वैद ने भी दो दिन पहले कहा था कि टारगेट किलिंग के वारदात यूं ही नहीं हो रहे हैं। वैद ने कहा था कि आतंकियों ने कोई लिस्ट जरूर तैयार की होगी। उन्होंने बताया था कि जब वो डीजीपी थे, तो ऐसी ही एक लिस्ट आतंकियों ने तैयार की थी।

नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर में कश्मीरी हिंदुओं और अन्य गैर कश्मीरियों की टारगेट किलिंग और हमले की घटनाएं लगातार हो रही हैं। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को जम्मू-कश्मीर के लेफ्टिनेंट गवर्नर मनोज सिन्हा, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार NSA अजित डोभाल और अन्य सुरक्षा एजेंसियों के अफसरों के साथ बैठक कर इसकी समीक्षा करते हुए आतंकियों का सफाया करने के निर्देश दिए हैं। इस बैठक के बाद सूत्रों ने बताया कि टारगेट किलिंग का काम पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई करा रही है। सूत्रों ने बताया कि आईएसआई ने पिछले साल टारगेट किलिंग करने का प्लान आतंकी गुटों के साथ तैयार किया था। नतीजे में एक महीने में ही कश्मीर घाटी में 9 लोग आतंकियों की गोली का निशाना बन गए।

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सूत्रों के मुताबिक टारगेट किलिंग का प्लान एक साल पहले 2021 में पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर के मुजफ्फराबाद में बनाय गया। खुफिया ब्यूरो और रॉ को इनपुट मिला है कि 21 सितंबर 2021 की तारीख को मुजफ्फराबाद में आईएसआई अफसरों ने आतंकी संगठनों के आकाओं की बैठक ली। इस बैठक में तय हुआ कि अलग-अलग नए नाम से आतंकी गुट बनाए जाएं। इन गुटों को ही टारगेट किलिंग का जिम्मा दिया गया है। खुफिया सूत्रों ने सरकार को जानकारी दी है कि आईएसआई की बैठक में तय हुआ था कि कश्मीरी पंडितों, सुरक्षाकर्मियों, आरएसएस और बीजेपी के नेताओं और केंद्र सरकार के कर्मचारियों को निशाना बनाया जाएगा। अब तक के पैटर्न में ज्यादातर ऐसा ही होता देखा गया है। बताया जा रहा है कि टारगेट किलिंग के लिए 200 लोगों की लिस्ट बनी है।

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जम्मू-कश्मीर के पूर्व डीजीपी शेषपाल वैद ने भी दो दिन पहले कहा था कि टारगेट किलिंग के वारदात यूं ही नहीं हो रहे हैं। वैद ने कहा था कि आतंकियों ने कोई लिस्ट जरूर तैयार की होगी। उन्होंने बताया था कि जब वो डीजीपी थे, तो ऐसी ही एक लिस्ट आतंकियों ने तैयार की थी और उसके मुताबिक वे लोगों की जान ले रहे थे। वैद ने सुझाव दिया था कि बड़ी कार्रवाई और तलाशी अभियान छेड़ते हुए इस लिस्ट को बरामद करने की जरूरत है। उन्होंने इसके अलावा सभी गैर मुस्लिम कश्मीरी और घाटी में काम करने वालों की पहचान और ट्रांसफर किए जाने के स्थान की जानकारी गोपनीय रखने का सुझाव भी दिया था।