नई दिल्ली। आपने सुना भी होगा…कई बार पढ़ा भी होगा…तो कई बार इसे लेकर गर्मागर्म बहस भी होती हुई आपको दिखी होगी कि कांग्रेस ने अपने शासनकाल में देश की सुरक्षा के साथ एक या दो नहीं, बल्कि कई मर्तबा खिलवाड़ किया था। बीजेपी की तरफ से ये भी तोहमतें लगाई जाती हैं कि कांग्रेस ने अपने शासनकाल में आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई के दौरान नरमी बरतने से भी गुरेज नहीं किया था, यह उसी का नतीज था कि आतंकियों के लिए हमेशा ही भारत सॉफ्ट टारगेट रहा है, लेकिन बीजेपी नेताओं का दावा है कि नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद आतंकियों के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई गई है, जिसके नमूने हमें ऊरी हमले और बालाकोट एयरस्ट्राइक के रूप में देखने को मिल चुके हैं। अब आप यह सब कुछ पढ़ने के बाद मन ही मन सोच रहे होंगे कि आखिर माजरा क्या है कि आतंकवाद और सुरक्षा के संदर्भ में तकरीरों की दरिया बहाई जा रही है? जरा कुछ खुलकर बताएंगे। तो आपको बता दें कि पाकिस्तानी कॉलमनिस्ट ने यूट्यूबर शकील चौधरी को इंटरव्यू दिया है, जिसमें उन्होंने कई धमाकेदार खुलासे किए हैं और इन खुलासों ने यकीन मानिए बीजेपी की झोली में कांग्रेस के खिलाफ मोर्चा खोलने का एक और मौका दे दिया है। आइए, जरा आपको तफसील से बताते हैं कि पाकिस्तानी कॉलमनिस्ट ने किया कुछ खुलासा किया है।तो ऐसा है पूरा खुलासा ?
दरअसल, पाकिस्तानी कॉलमनिस्ट नूसरत मिर्जा ने दावा किया है कि उन्होंने कांग्रेस के शासनकाल में भारत दौरे के दौरान ISI के लिए जानकारियां एकत्रित की हैं। नूसरत ने अपने इस दावे से कांग्रेस शासनकाल में देश की लचर हो चुकी सुरक्षा-व्यवस्था की पोल खोलकर रख दी है। सवाल यह है कि आखिर कैसे कोई पाकिस्तानी शख्स कांग्रेस के शासनकाल में भारत दौरे की आड़ में आईएसआई सरीखे कट्टरपंथी संगठन के लिए सुरक्षात्मक जानकारी जुटा लेता है और तत्कालीन सरकार को इसकी कानों कान खबर तक नहीं लगती है। यह उस दौर की सरकारों की सुरक्षात्मक हीलाहवाली का सबसे बड़ा उदारहण मालूम पड़ता है। इसके आगे पाकिस्तानी कॉलमनिस्ट ने कहा कि जब हामिद अंसारी भारत के उपराष्ट्रपति थे, तो उस वक्त हमें एक सेमीनार में आमंत्रित किया गया था। उन्होंने कहा कि चलिए मैं एक पल के लिए मान भी लेता हूं कि आप विशेषज्ञ हैं, तो आपकी बातों में दम होगा, लेकिन आपको एक बात का भी विशेष ध्यान रखना होगा कि हमने भारत में शासन किया है।
EXPLOSIVE!
Nusrat Mirza, a Pakistani columnist who has visited India many times during the Congress rule boasts on camera that he used to pass on information collected during his visits to the ISI, claims he was invited by Hamid Ansari and the Milli Gazette’s Zafarul Islam Khan. pic.twitter.com/6Rrn3xvRJu
— Sonam Mahajan (@AsYouNotWish) July 10, 2022
हम वहां की नस-नस वाकिफ हैं। लिहाजा, हम वहां की हर स्थिति से वाकिफ हैं, लेकिन यहां बड़ा सवाल यह है कि कोई पाकिस्तानी हमारे देश को इतना कैसे जान लेता है कि हमारे ही नाक के नीचे हमारी जानकारी जुटाकर दूसरे को दे रहा है। उन्होंने कहा कि हम भारत की कमजोरियों को जानते हैं। उनकी ताकतों से भी वाकिफ हैं। मिर्जा ने आगे इंटरव्यू में कहा कि 2011 में हमें जफर इस्लाम साहब ने बुलाया था।
वो उन दिनों अखबार निकाला करते थे। आपको जो काम करना है, अपने यहां पाकिस्तान में क्या होता है कि जो एक चीफ रिटायर हुआ तो वो नए चीफ फिर अपने हिसाब से काम करता है। उन्होंने आगे कहा कि डीजी आईएसआई खुर्शीद चले गए उन्होंने मुझे कहा कि आईएसआई के नए चीफ कियानी को दे दो। इस पर मैंने उनके अनुरोध को ठुकरा दिया और कहा कि वो खुद कियानी को से जानकारी दे दें। फिर उन्होंने वो जानकारी कियानी को दे दी।’
He further claims that days after he provided the info collected during his 2011 India visit to the ISI, he got a call from a Pakistan army brigadier seeking more such info.
Mirza is now sad that the ISI isn’t able to carry out its activities in India anymore due to FATF action. pic.twitter.com/ndNnSdzZWr
— Sonam Mahajan (@AsYouNotWish) July 10, 2022
आपको बता दें कि मिर्जा ने आगे एसटीएफ का जिक्र कर कहा कि आर्मी के किसी ब्रिगेडियर ने मुझे कॉल किया था और कहा था कि साहब मेरे पास आपके लिए एक जानकारी है। फिर मैंने कहा कि यह जानकारी पर्याप्त नहीं है। हमें और काम करना होगा। हम ऐसा नहीं कह सकते हैं कि आईएसआई वहां के हालात के बारे में नहीं जानती है। ध्यान रहे कि अभी मिर्जा का यह इंटरव्यू वाला यह वीडियो अभी खासा सुर्खियों में है। लोग इस पर अलग-अलग तरह से अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए नजर आ रहे हैं, लेकिन इस इंटरव्य़ू के बहाने सुरक्षा के मोर्चे पर कांग्रेस की शासनकाल में बदहाल सुरक्षा व्यवस्था की पोल खुल चुकी है।