नई दिल्ली। महाराष्ट्र (Maharashtra) के पालघर (Palghar) में साल 2020 में दो साधुओं और उनके ड्राइवर को लोगों की उग्र भीड़ ने पीट-पीट का मार डाला था। जिसके बाद तत्कालीन महाविकास अघाड़ी सरकार कानून व्यवस्था को लेकर भाजपा और साधु-संतों के निशाने पर आ गई थी। अब इस मामले में एक बड़ा अपडेट सामने आया है। महाराष्ट्र की एकनाथ शिंदे सरकार ने पालघर में साधुओं की मॉब लिंचिंग मामले में बड़ा फैसला लिया है। शिंदे सरकार पालघर में हुए साधुओं की हत्या की केंद्रीय जांच ब्यूरो यानी सीबीआई जांच करने के लिए तैयार हो गई है। बता दें कि आज ही सुप्रीम कोर्ट में महाराष्ट्र सरकार की तरफ से मामले में हलफनामा दाखिल किया है। इस हलफनामे में राज्य सरकार ने स्पष्ट तौर पर कहा कि मामले की सीबीआई जांच करने से कोई ऐतराज नहीं है। इसके साथ ही पालघर के साधुओं को इंसाफ मिलने का रास्ता साफ हो गया है। बता दें कि पालघर मामला सुप्रीम कोर्ट के अधीन है।
इससे पहले उद्धव ठाकरे सरकार ने पालघर में हुए साधुओं की हत्या की सीबीआई जांच करने का ऐतराज जताया था। गौरतलब है कि 16 अप्रैल 2020 में लॉकडाउन के दौरान पालघर में देर रात 70 साल के कल्पवृक्ष गिरी, 35 साल के सुशील गिरी और उनके ड्राइवर की स्थानीय लोगों ने पुलिस के सामने ही पीट-पीट कर बड़ी ही निर्ममता से हत्या कर दी थी। गांव वालों ने साधुओं को बच्चा चोर के शक में उनकी हत्या कर दी थी। जिसका वीडियो भी सोशल मीडिया पर काफी वायरल हुआ था।
2020 Palghar mob lynching case | Maharashtra Government agrees to transfer investigation of the case to the CBI. In an affidavit, Maharashtra Govt says that it is ready and willing to hand over the investigation to the CBI and would have no objection to the same.
— ANI (@ANI) October 11, 2022
वीडियो सामने आने के बाद भाजपा, हिंदू संगठनों और सांधु संतों का देशभर में आक्रोश भी देखने को मिला था। विपक्ष ने उद्धव सरकार के कानून व्यवस्था को लेकर सवालिया निशाना भी उठाए थे। इस मामले में 100 से ज्यादा लोगों की गिरफ्तारी की जा चुकी है।