नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) आज बोर्ड एग्जाम से पहले छात्रों संग ‘परीक्षा पर चर्चा’ कर रहे है। परीक्षा में तनाव को कैसे दूर करें इस पर वो अपना छात्रों और पैरेंट्स को गुरुमंत्र दे रहे हैं। बता दें कि पीएम मोदी के ‘परीक्षा पर चर्चा’ का ये सातवां संस्करण हैं। भारत मंडपम में यह कार्यक्रम हो रहा है। इस दौरान पीएम मोदी देशभर के छात्रों को एग्जाम को लेकर सवालों के जवाब दे रहे है। पीएम मोदी ने छात्रों को सलाह दी कि वो अपने से तेज तरार छात्र को ही अपना दोस्त बनाए।
पीएम मोदी ने कहा, “आपके दोस्त से आपको किस चीज की स्पर्धा है? मान लीजिए 100 मार्क्स का पेपर है। आपका दोस्त अगर 90 नंबर ले आया तो क्या आपके लिए 10 नंबर बचे? आपके लिए भी 100 नंबर हैं। आपको उससे स्पर्धा नहीं करनी है आपको खुद से स्पर्धा करनी है… उससे द्वेष करने की जरूरत नहीं है। असल में वो आपके लिए प्रेरणा बन सकता है। अगर यही मानसिकता रही तो आप अपने से तेज तरार व्यक्ति को दोस्त ही नहीं बनाएंगे… जिसकी चलती नहीं है उसको आप दोस्त बना लेंगे और खुद बड़े ठेकदार बनकर घूमते रहोगे…सच में अपने से ज्यादा प्रतिभावान दोस्त ढूंढने चाहिए.. जितना प्रतिभावान दोस्त ढूंढते हो.. आपका काम भी बढ़ता है। हमारा स्प्रीट भी बढ़ता है…इसलिए हमे कभी भी अपने ईर्ष्या नहीं लगानी चाहिए।”
#WATCH दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, “आपके दोस्त से आपको किस चीज की स्पर्धा है? मान लीजिए 100 नंबर का पेपर है। आपका दोस्त अगर 90 नंबर ले आया तो क्या आपके लिए 10 नंबर बचे? आपके लिए भी 100 नंबर हैं। आपको उससे स्पर्धा नहीं करनी है आपको खुद से स्पर्धा करनी है… उससे… pic.twitter.com/n63756lns7
— ANI_HindiNews (@AHindinews) January 29, 2024
पीएम मोदी ने आगे कहा, “किसी भी शिक्षक के मन में जब ये विचार आता है कि मैं छात्र के इस तनाव को कैसे दूर करूं?… अगर टीचर और स्टूडेंट का नाता परीक्षा के कालखंड का है तो सबसे पहले वो नाता सही करना चाहिए। छात्र के साथ आपका नाता पहले दिन से परीक्षा आने तक निरंतर बढ़ते रहना चाहिए, तो शायद परीक्षा के दिनों में तनाव की नौबत ही नहीं आएगी। आज मोबाइल का जमाना है… क्या कभी किसी छात्र ने आपको फोन किया है?… जिस दिन आप पाठ्यक्रम से आगे निकलकर उससे नाता जोड़ोगे तो वो अपनी छोटी-मोटी समस्याओं में भी आपसे अपनी मन की बात करेगा।”
#WATCH दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, “किसी भी शिक्षक के मन में जब ये विचार आता है कि मैं छात्र के इस तनाव को कैसे दूर करूं?… अगर शिक्षक और छात्र का नाता परीक्षा के कालखंड का है तो सबसे पहले वो नाता सही करना चाहिए। छात्र के साथ आपका नाता पहले दिन से परीक्षा आने तक… pic.twitter.com/CddASWxpzy
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