नई दिल्ली। संसद की सुरक्षा में सेंध के बाद अब और चाक-चौबंद व्यवस्था करने की तैयारी है। मीडिया की खबरों के मुताबिक संसद भवन के भीतर अब और ज्यादा सुरक्षाकर्मी तैनात किए जाएंगे। संसद के गेट पर बॉडी स्कैनर लगेगा। जिससे होकर गुजरने पर एक्सरे से पता चल जाएगा कि किसी ने कोई चीज छिपा तो नहीं रखी है। इसके अलावा अब लोकसभा और राज्यसभा की विजिटर्स गैलरी को शीशे की दीवार लगाकर बंद किया जाएगा। ताकि कोई भी यहां से सदन में उतर या कूद न सके। लोकसभा में बुधवार को जब सुरक्षा में सेंध लगी थी, तो सागर और उसका एक साथी विजिटर्स गैलरी से ही सदन में कूदे थे। दोनों ने नारेबाजी की थी और स्मोक बम चलाया था। उनके दो और साथियों नीलम और अमोल शिंदे ने इससे पहले संसद के बाहर हंगामा किया था।
इन लोगों ने संसद की सुरक्षा में सेंध की साजिश करीब 9 महीने पहले रची थी। मार्च में आरोपियों में से एक ने विजिटर्स पास बनवाकर संसद की रेकी की थी और देखा था कि जूतों की तलाशी नहीं ली जाती है। इसके बाद एक अन्य आरोपी सागर ने जुलाई में संसद के बाहर से रेकी की थी। इस मामले में दिल्ली की स्पेशल सेल ने आरोपियों को गिरफ्तार किया है। अब भी एक आरोपी फरार है। उसका नाम ललित झा है। वहीं, गृह मंत्रालय ने सीआरपीएफ के डीजी की अध्यक्षता में उच्चस्तरीय जांच के लिए एसआईटी बना दी है। इसकी रिपोर्ट के आधार पर संसद की सुरक्षा को और बढ़ाया जाएगा।
संसद की सुरक्षा में सेंध का मामला इसलिए भी गरमाया है, क्योंकि बुधवार को ही संसद पर आतंकी हमले की बरसी थी। साल 2001 की 13 दिसंबर को ही पाकिस्तान परस्त आतंकियों ने संसद भवन पर हमला किया था। संसद पर हुए आतंकी हमले में सुरक्षाकर्मियों को शहीद भी होना पड़ा था। विपक्ष अब इसी मसले पर मोदी सरकार को घेर रहा है। विपक्ष का कहना है कि सरकार ने नए संसद भवन की सुरक्षा की उचित व्यवस्था नहीं की। जिसकी वजह से बुधवार को आसानी से सेंध लगा दी गई। विपक्ष सेंधमारी की जेपीसी जांच की मांग भी कर रहा है।