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Parliament: कृषि कानून वापस लेने पर भी शायद ही संसद में रहे शांति, इन मुद्दों पर हंगामा संभव

संसद का शीतकालीन सत्र कल से शुरू होने जा रहा है। ये सत्र 23 दिसंबर तक चलेगा। इस सत्र के दौरान हंगामे को खत्म करने के लिए मोदी सरकार ने तीनों कृषि कानून रद्द करने का बिल पेश करने का फैसला किया है, लेकिन ऐसे तमाम मुद्दे हैं, जिन्हें हथियार बनाकर विपक्ष मोदी सरकार को घेरने की तैयारी कर रहा है।

नई दिल्ली। संसद का शीतकालीन सत्र कल से शुरू होने जा रहा है। ये सत्र 23 दिसंबर तक चलेगा। इस सत्र के दौरान हंगामे को खत्म करने के लिए मोदी सरकार ने तीनों कृषि कानून रद्द करने का बिल पेश करने का फैसला किया है, लेकिन ऐसे तमाम मुद्दे हैं, जिन्हें हथियार बनाकर विपक्ष मोदी सरकार को घेरने की तैयारी कर रहा है। तो आइए जानते हैं कि विपक्ष किन मुद्दों पर सरकार को घेरने की तैयारी कर रहा है और क्या संसद में हंगामे से बचा जा सकेगा। पहला मुद्दा अब भी किसान ही होने जा रहे हैं। कृषि कानूनों की वापसी के बाद अब विपक्ष किसानों को एमएसपी यानी न्यूनतम समर्थन मूल्य देने की मांग करेगा। इसके अलावा राहुल गांधी ने साफ कर दिया है कि आंदोलन में मारे गए किसानों के परिवार को मुआवजा देने और परिवार के एक सदस्य को नौकरी देने का मसला भी अहम है। इन मुद्दों पर भी मोदी सरकार को घेरा जा सकता है। किसानों के मुद्दे के अलावा विपक्ष मोदी सरकार को चीन के मसले पर घेरने की तैयारी में है। राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने आरोप लगाया है कि सरकार ने चीन के कब्जे में जमीन जाने दी। राहुल गांधी भी ये मसला काफी दिनों से उठा रहे हैं।

PM Modi Parliament

इसके अलावा संसद में पेगासस स्पाईवेयर से जासूसी का मसला भी फिर उछल सकता है। पिछले सत्र में पेगासस के मुद्दे के कारण कामकाज नहीं हो सका था। सुप्रीम कोर्ट ने पूरे मामले की जांच के लिए विशेषज्ञों की कमेटी बनाई है। ऐसे में विपक्ष इस मसले पर भी मोदी सरकार को घेरने की पूरी तैयारी कर सकता है। इससे सरकार के सामने संसद में हंगामा रोकना आसान नहीं रहेगा।

Rahul Gandhi Congress

अगले साल 5 राज्यों में विधानसभा के चुनाव हैं। ऐसे में विपक्ष इन राज्यों के स्थानीय मुद्दों को उठाकर भी मोदी सरकार को घेरने की तैयारी कर रहा है। खासकर यूपी और गोवा के मसलों को विपक्ष उठा सकता है। इन मसलों में कानून-व्यवस्था और खनन जैसे मामले हैं। बीएसएफ की निगरानी का दायरा बढ़ाने का मुद्दा भी संसद में जोरशोर से उठ सकता है।