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आखिर पेट्रोल और डीजल में ऐसा क्या होता है जो जेट फ्यूल से भी महंगा हो गया?

पेट्रोल और डीजल की करें तो आज दिल्ली में पेट्रोल की कीमत 105.84 रुपये लीटर और डीजल 94.57 रुपये लीटर है। दिल्ली में प्रति किलो लीटर जेट फ्यूल की कीमत 79,020.16 रुपये किलो लीटर है। इस तरह एक लीटर जेट फ्यूल की कीमत 79 रुपये हुई। इस हिसाब से देश में पेट्रोल इससे करीब 33 फीसदी महंगा बिक रहा है।

नई दिल्ली। देश में तेल की कीमतों के बढ़ने से लोगों की परेशानी जरूर हो रही है। देश में शायद कोई कोना नही हैं जहाँ पर 100 रूपये से कम में पेट्रोल मिल रहा हो,लेकिन बहुत से लोगों के लिए हैरानी वाली बात ये है कि अपने ही देश में विमानों में भरा जाने वाला ईंधन यानी जेट फ्यूल (Jet Fuel) की कीमत काफी कम है जबकि पेट्रोल और डीजल के दाम उससे ज्यादा है।

दरअसल बात अगर पेट्रोल और डीजल की करें तो आज दिल्ली में पेट्रोल की कीमत 105.84 रुपये लीटर और डीजल 94.57 रुपये लीटर है। दिल्ली में प्रति किलो लीटर जेट फ्यूल की कीमत 79,020.16 रुपये किलो लीटर है। इस तरह एक लीटर जेट फ्यूल की कीमत 79 रुपये हुई। इस हिसाब से देश में पेट्रोल इससे करीब 33 फीसदी महंगा बिक रहा है।

अब सवाल ये उठता है कि आखिर पेट्रोल और डीजल में ऐसा क्या होता है जो जेट फ्यूल से भी महंगा हो गया?

दरअसल इस वक्त तेल की कीमतों से उछाल के पीछे की वजह है। पेट्रोल और डीजल पर केंद्र और राज्य सरकार द्वारा लगाया जाने वाला टैक्स और अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम बढ़ने से भी घरेलू बाजार में पेट्रोल-डीजल महंगा हुए हैं। इसके साथ ही पेट्रोल और डीजल की रिफाइन करने में बड़ा खर्च आता है। हमारे यहाँ पेट्रोलियम पदार्थों पर लगने वाले टैक्स के अलावा इनको रिफाइन करने में जो खर्च आता है उसकी लागत भी हम सबसे ही वसूला जाता है। कच्चे तेल को रिफाइन कर पेट्रोल, डीजल, जेट फ्यूल, किरोसीन और एलपीजी को बनाया जाता है। रिफाइनिंग की इस प्रक्रिया में जेट फ्यूल बनाने में लागत कम आती है।

जेट फ्यूल कच्चे तेल का एक सबसे बेसिक बाइप्रोडक्ट होता है। जेट फ्यूल मुख्य रूप से दो तरह के होते हैं। जेट ए और जेट बी. इनकी गुणवत्ता और फ्रीजिंग प्वाइंट के हिसाब से इनको दो रूपों में बांटा गया है। जेट बी फ्यूल मुख्य रूप से सैन्य ऑपरेशन और बेहद खराब मौसम में इस्तेमाल किया जाता है। जेट बी फ्यूल, जेट ए फ्यूल की तुलना में कम परिष्कृत होता है।

कच्चे तेल को रिफाइन करते समय ही जेट फ्यूल और पेट्रोल को अलग-अलग किया जाता है। इन दोनों में अन्दर हाइड्रोकार्बन की मात्रा के आधार पर होता है।

पेट्रोल ऐसा हाइड्रोकार्बन होता है जिसमें 7 से 11 कार्बन एटम होते हैं जबिक जेट फ्यूल में ऐसा हाइड्रोकार्बन होता है जिसमें 12 से 15 कार्बन एटम्स होते हैं। कुल मिलाकर थोड़े शब्दों में कह दें तो जेट फ्यूल काफी हद तक किरोसीन से बनता है।