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Rajasthan: हिंदुओं की आस्था के साथ खिलवाड़, भगवान परशुराम की मूर्ति को खंडित करने का मामला आया सामने, खामोश गहलोत सरकार

Rajasthan: उधर, समय-समय पर हिंदुओं की आस्था को लेकर अपनी आवाज मुखर करने वाली संगठन विश्व हिंदू परिषद ने इस पूरे मसले को संज्ञान में लेने के बाद प्रदेश सरकार से इस पर गंभीरता बरतने की अपील की है। संगठन ने प्रदेश सरकार से मांग की है कि इस पूरे मसले को संज्ञान में लेते हुए कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

नई दिल्ली। यह बेहद ही विचित्र स्थिति है कि राजस्थान में लगातार कुछेक शरारती तत्वों के द्वारा लगातार हिंदू धर्म के अनुनायियों की आस्था का खिलवाड़ किया जा रहा है, लेकिन प्रदेश की गहलोत सरकार कार्रवाई करना तो दूर, अपनी जुबां से ऐसे शरारती तत्वों के विरोध में एक शब्द भी बोलने की जमहत नहीं उठा रही है। ऐसी स्थिति में गहलोत सरकार का यह रवैया संदेहास्पद नजर आ रहा है। अगर समय रहते प्रदेश के विरोधी दलों ने सरकार के इस रवैये की मुखालफत नहीं कि, तो आगे चलकर इनके मनोबल में वृद्धि होगी और यह कहने में किसी को कोई गुरेज नहीं होना चाहिए यह स्थिति आगे चलकर विकराल रूख अख्तियार कर सकती है। ताजा मामला एक बार फिर से प्रदेश के डूंगरुपुर जिले से सामने आया है, जहां पर कुछेक शरारती तत्वों के लोगों ने भगवान परशुराम की मूर्ति को खंडित कर दिया, लेकिन घटना के इतने घंटे हो जाने के बाद भी सरकार की तरफ से कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई, जो कि यह जाहिर करने के लिए पर्याप्त है कि प्रदेश की मौजूदा सरकार आस्था को लेकर कितनी संजीदा है। इस घटना ने एक बार फिर से हिंदुओं की आस्था को ठेस पहुंचाने का काम किया है।

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उधर, समय-समय पर हिंदुओं की आस्था को लेकर अपनी आवाज मुखर करने वाली संगठन विश्व हिंदू परिषद ने इस पूरे मसले को संज्ञान में लेने के बाद प्रदेश सरकार से इस पर गंभीरता बरतने की अपील की है। संगठन ने प्रदेश सरकार से मांग की है कि इस पूरे मसले को संज्ञान में लेते हुए कड़ी कार्रवाई की जाएगी और इस बात को भी सुनिश्चित किया जाए कि आगे कोई भी शरारती तत्व ऐसी कोई भी कार्रवाई करने के बारे में न सोच सकें। वहीं, विश्व हिंदू परिषद की  तरफ से मूर्ति खंडित करने वाले शख्स की जानकारी देने वाले व्यक्ति को 11 हजार रूपए ईनाम स्वरूप देने का  ऐलान किया गया है।

परिषद ने यह भी कहा कि आरोपी के पकड़े के बाद मंदिर में पुन: प्रतिमा स्थापित की जाएगी। परिषद ने दो टूक कह दिया है कि अगर अतिशीघ्र प्रदेश सरकार की तरफ से पूरे मसले को संजीदगी से लेते हुए कोई कार्रवाई नहीं की गई, तो आगे चलकर समस्त प्रदेश में आंदोलन किया जाएगा। हालांकि, यह कोई पहली मर्तबा नहीं, बल्कि इससे पहले भी प्रतिमा खंडित करने के कई मामले प्रकाश में आ चुके हैं। लेकिन प्रदेश सरकार की तरफ से आश्वासन के इतर और कोई भी कार्रवाई नहीं की जाती है। अब ऐसे में देखना होगा कि आगे चलकर इस पूरे मसले पर प्रदेश सरकार की तरफ से क्या कुछ कार्रवाई की जाती है।