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Russia and Ukraine: यूक्रेन संकट पर PM मोदी की बैठक, अब तक उठाए गए कदमों की समीक्षा

Russia and Ukraine: ध्यान रहे कि अभी-भी काफी संख्या में हिंदुस्तानी यूक्रेन में फंसे हुए हैं, जिन्हें वहां से सकुशल वापस लाने की कवायद जारी है। वैसे अब तक तक कई लोगों को वहां सुरक्षित लाया जा चुका है। इसके अलावा हिंदुस्तानियों के सुरक्षित वापसी के लिए केंद्र सरकार की तरफ से रूस और यूक्रेन से युद्ध विराम करने को कहा गया है, ताकि भारत युद्धग्रस्त क्षेत्रों में फंसे अपने लोगों को सुरक्षित ला सकें।

नई दिल्ली। रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यूक्रेन में फंसे हिंदुस्तानियों की सकुशल वापसी के लिए दूसरी मर्तबा बैठक बुलाई है, जिसमें सियासी नुमाइंदों के अलावा कई अधिकारी भी शामिल हैं। इस बैठक में यूक्रेन में फंसे हिंदुस्तानियों को निकालने हेतु ऑपरेशन गंगा के तहत की जा रही गतिविधियों की समीक्षा की जा रही है और उन सभी बाधाओं को दूर करने की दिशा में कार्य प्रणाली को दुरूस्त करने का खाका खींचा जा रहा है, जिसके अभाव में यूक्रेन में फंसे हिंदुस्तानियों को निकालने की राह में अड़चनें आ रही हैं। आइए, आगे की रिपोर्ट में यूक्रेन में फंसे हिंदुस्तानियों को बचाने की दिशा में केंद्र सरकार द्वारा उठाए गए कदमों की पर एक नजर डालते हैं।

विदेश मंत्रालय द्वारा दी गई जानकारी

इससे पहले विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने बताया कि पिछले 24 घंटों में 15 उड़ानें भारत पहुंचीं हैं। इनमें लगभग 2900 भारतीयों को निकाला गया है। ऑपरेशन गंगा के तहत 63 उड़ानें अब तक लगभग 13,300 भारतीयों को लेकर भारत पहुंचीं हैं। अगले 24 घंटों में 13 और फ्लाइट शेड्यूल हैं। उन्होंने कहा कि अब हम देखेंगे कि अब भी कितने और भारतीय यूक्रेन में हैं। दूतावास उन लोगों से संपर्क करेगा, जिनके वहां होने की संभावना है, लेकिन अभी तक रजिस्ट्रेशन नहीं कराया है।

ध्यान रहे कि अभी-भी काफी संख्या में हिंदुस्तानी यूक्रेन में फंसे हुए हैं, जिन्हें वहां से सकुशल वापस लाने की कवायद जारी है। वैसे अब तक तक कई लोगों को वहां सुरक्षित लाया जा चुका है। इसके अलावा हिंदुस्तानियों के सुरक्षित वापसी के लिए केंद्र सरकार की तरफ से रूस और यूक्रेन से युद्ध विराम करने को कहा गया है, ताकि भारत युद्धग्रस्त क्षेत्रों में फंसे अपने लोगों को सुरक्षित ला सकें। वहीं, अगर रूस और यूक्रेन के बीच चल रही युद्धिक स्थिति की बात करें, तो पुतिन की आक्रमकता यूक्रेन के खिलाफ कम होने का नाम ही नहीं ले रहे हैं। तमाम वैश्विक दबावों के बावजूद भी पुतिन अपनी आक्रमकता में कोई भी नरमी बरतने की स्थिति में नजर नहीं आ रहे हैं।