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PM-KISAN Scheme: PM मोदी का किसानों को तोहफा, किसान सम्मान निधि की 9वीं किस्त जारी

Pradhan Mantri Kisan Samman Nidhi: पीएम मोदी ने कहा, ”खाद्य तेल में हमारा देश आत्मनिर्भर हो इसके लिए हमें तेज़ी से काम करना है। खाने के तेल में आत्मनिर्भरता के लिए अब राष्ट्रीय खाद्य तेल मिशन-ऑयल पाम का संकल्प लिया गया है। इस मिशन के माध्यम से खाने के तेल से जुड़े इकोसिस्टम पर 11 हज़ार करोड़ रुपये से अधिक का निवेश किया जाएगा।”

नई दिल्ली। सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने किसानों को बड़ा तोहफा दिया है। प्रधानमंत्री मोदी ने आज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (पीएम-किसान) योजना की अगली किश्त जारी की। इस कार्यक्रम में केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर भी मौजूद रहे। इस दौरान किसानों से बात करते हुए पीएम मोदी ने कहा, ”आज भारत कृषि निर्यात के मामले में पहली बार दुनिया के टॉप-10 देशों में पहुंचा है। कोरोना काल में देश ने कृषि निर्यात के नए रिकॉर्ड बनाए हैं। आज जब भारत की पहचान एक बड़े कृषि निर्यातक देश की बन रही है तब हम खाद्य तेल की ज़रूरतों के लिए आयात पर निर्भर रहें,ये उचित नहीं।” पीएम मोदी ने कहा, ”खाद्य तेल में हमारा देश आत्मनिर्भर हो इसके लिए हमें तेज़ी से काम करना है। खाने के तेल में आत्मनिर्भरता के लिए अब राष्ट्रीय खाद्य तेल मिशन-ऑयल पाम का संकल्प लिया गया है। इस मिशन के माध्यम से खाने के तेल से जुड़े इकोसिस्टम पर 11 हज़ार करोड़ रुपये से अधिक का निवेश किया जाएगा।”

उन्होंने कहा कि, इस बार देश 75वां स्वतंत्रता दिवस मनाने जा रहा है। इस अवसर पर हमें तय करना है कि आने वाले 25 वर्षों में भारत को कहां देखना चाहते हैं। 2047 में देश जब आज़ादी के 100 वर्ष पूरे करेगा तब भारत की स्थिति क्या होगी, ये तय करने में हमारी खेती, किसानों की बहुत बड़ी भूमिका है।

पीएम मोदी के संबोधन की अहम बातें-

हाल में एक और बड़ा फैसला लेते हुए सरकार ने तय किया है कि जो राज्यों में हमारी सरकार मंडियां है उनको भी विशेष इंफ्रास्ट्रक्चर फंड से मदद मिल सके। इस फंड का उपयोग करके हमारी सरकारी मंडियां बेहतर होंगी, ज्यादा मजबूत होगी, आधुनिक होगी।

इंफ्रास्ट्रक्चर फंड हो, या 10,000 किसान उत्पादक संघों का निर्माण, कोशिश यही है कि छोटे किसानों की ताकत को बढ़ाया जाए। छोटे किसानों की बाजारों तक पहुंच भी अधिक हो और बाजारों में मोलभाव करने की उनकी क्षमता भी अधिक हो।

कोरोना काल में ही 2 करोड़ से अधिक किसान क्रेडिट कार्ड जारी किए गए हैं, जिसमें से अधिकतर छोटे किसानों के लिए हैं। कल्पना कीजिए कि ये मदद अगर किसानों को न मिलती, तो 100 वर्ष की इस सबसे बड़ी आपदा में उनकी क्या स्थिति होती।

खाद्य तेल में हमारा देश आत्मनिर्भर हो इसके लिए हमें काम करना है। इसके लिए राष्ट्रीय खाद्य तेल मिशन का संकल्प लिया गया है। आज देश भारत छोड़ो आंदोलन को याद कर रहा है, इस ऐतिहासिक दिन में ये संकल्प हमें ऊर्जा से भर देता है।

अब देश की कृषि नीतियों में इन छोटे किसानों को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जा रही है। छोटे किसानों को सुविधा और सुरक्षा देने का एक गंभीर प्रयास किया जा रहा है। पीएम किसान सम्मान निधि के तहत अब तक 1 लाख 60 करोड़ रुपये किसानों को दिए गए हैं।

कुछ साल पहले जब देश में दालों की बहुत कमी हो गई थी, तो मैंने देश के किसानों से दाल उत्पादन बढ़ाने का आग्रह किया था। परिणाम ये हुआ कि बीते 6 साल में देश में दाल के उत्पादन में लगभग 50 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।

सरकार ने खरीफ हो या रबी सीजन, किसानों से MSP पर अब तक की सबसे बड़ी खरीद की है। इससे, धान किसानों के खाते में लगभग 1 लाख 70 हजार करोड़ रुपये और गेहूं किसानों के खाते में लगभग 85 हजार करोड़ रुपये डायरेक्ट पहुंचे हैं।

हमने बीते 1.5 वर्ष में कोरोना महामारी के कारण दुनिया भर में हो रहे बदलावों को अनुभव किया है। इस कालखंड में देश में ही खान-पान की आदतों को लेकर जागरूकता आई है। मोटे अनाज, मसाले, सब्जी, फलों, ऑर्गेनिक उत्पादों की मांग तेजी से बढ़ रही है।