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Patna: पटना में बोले पीएम मोदी- लोग जो चाहते हैं वह हमारे लिए संकल्प पत्र की तरह है…

Patna: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने बुधवार को बिहार में विधानसभा चुनाव के मद्देनजर कई रैलियां कीं। उन्होंने पहले दरभंगा (Darbhanga) में लोगों को संबोधित किया उसके बाद मुजफ्फरपुर के पचरूखी चीनी मिल मैदान में एक जनसभा को संबोधित किया।

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को बिहार में विधानसभा चुनाव के मद्देनजर कई रैलियां कीं। उन्होंने पहले दरभंगा में लोगों को संबोधित किया उसके बाद मुजफ्फरपुर के पचरूखी चीनी मिल मैदान में एक जनसभा को संबोधित किया। इस रैली में पीएम मोदी ने कहा कि, ये समय हवा-हवाई बातें करने वालों को नहीं, बल्कि जिनके पास अनुभव है, जो बिहार को एक गहरे अंधेरे से निकालकर यहां लाए हैं, उन्हें दोबारा चुनने का है। पीएम मोदी ने लालूराज को लेकर कहा कि, आप कल्पना कर सकते हैं, एक तरफ महामारी हो और साथ ही जंगलराज वाले राज करने आ जाएं तो ये बिहार के लोगों पर दोहरी मार की तरह हो जाएगा। पीएम मोदी ने कहा कि, जंगलराज के युवराज’ से बिहार की जनता पुराने ट्रैक रिकॉर्ड के आधार पर और क्या अपेक्षा कर सकती है? जंगलराज की परंपरा में सब सीखने वाले लोगों को मुझसे ज़्यादा अच्छी तरह बिहार की जनता जानती है। इसके बाद नरेंद्र मोदी पटना के गांधी मैदान में रैली करने पहुंचे। उनकी जनसभा में भारी संख्या में समर्थकों की भीड़ नजर आई। यहां पहुंचकर भी पीएम मोदी विपक्ष पर जमकर बरसे।

Narendra Modi Patna

मुख्य बातें-

बीते डेढ़ दशक में बिहार ने नीतीश जी की अगवाई में कुशासन से सुशासन की तरफ कदम मजबूती से बढ़ाए हैं।

NDA सरकार के प्रयासों के कारण बिहार ने, असुविधा से सुविधा की ओर, अंधेरे से उजाले की ओर, अविश्वास से विश्वास की ओर, अपहरण उद्योग से अवसरों की ओर का एक लंबा सफर तय किया है

अटल जी कभी कहते थे कि बिहार में बिजली की परिभाषा ये है, कि वो आती कम है और जाती ज्यादा है। लालटेन काल का अंधेरा अब छट चुका है।

बिहार की आकांक्षा अब लगातार बिजली और एलईडी बल्ब की है

पहले अस्पताल में एक डॉक्टर का मिलना दुर्लभ था। अब जगह-जगह मेडिकल कॉलेज और AIIMS जैसी सुविधाओं की आकांक्षा है।

पहले गांव-गांव में मांग थी कि किसी तरह खड़ंजा बिछ जाए, अब हर मौसम में बनी रहने वाली चौड़ी सड़कों की आकांक्षा है


पहले सामान्य रेलवे स्टेशन भी एक सपना थे। अब स्टेशन तो आधुनिक सुविधाओं से जुड़ ही रहे हैं, नए-नए रेल रूट शुरू किए जाने की भी आकांक्षा है

जिन लोगों ने सिर्फ अपने परिवार के बारे में सोचा, बिहार के एक-एक व्यक्ति के साथ अन्याय किया, दलितों-पिछड़ों-वंचितों का हक भी हड़प लिया, क्या वो लोग बिहार की उम्मीदों को समझ भी पाएंगे?

बिहार के गरीब की आकांक्षा, बिहार के मध्यम वर्ग की ये आकांक्षा कौन पूरी कर सकता है? वो लोग जिन्होंने बिहार को बीमार बनाया, बिहार को लूटा, क्या वो ये काम कर सकते हैं

पहले पटना में रिंग रोड की मांग होती थी। रिंग रोड बनी तो फिर मेट्रो की मांग तेज़ हुई। आज पटना मेट्रो पर काम चल रहा है तो दूसरे शहरों में भी ऐसी ही सुविधा की अपेक्षाएं बढ़ी हैं

आज पटना सहित बिहार के सभी शहरों में सड़क, पानी और सीवर जैसे बुनियादी मुद्दों पर तेज गति से काम किया जा रहा है। गंगा जी में गिरने वाले गंदे नालों का पानी साफ करने के लिए आधुनिक ट्रीटमेंट प्लांट भी लग रहे हैं


बीते समय में शिक्षा से लेकर शासन तक, किसान से लेकर श्रमिक तक, Ease of Living से लेकर Ease of Doing Business तक के लिए अभूतपूर्व रिफॉर्म्स किए गए हैं। आज साढ़े तीन दशक बाद नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति देश को मिल चुकी है

नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति में भाषा और अवसरों के अभाव के कारण बिहार का जो हमारा गरीब और वंचित छूट जाता था, उसको सबसे ज्यादा लाभ होने वाला है

केंद्र सरकार की ग्रुप-बी और ग्रुप-सी की भर्तियों से इंटरव्यू खत्म कर दिया गया है, जिससे भ्रष्टाचार को बढ़ावा मिलता था। अब कंपीटिटिव एग्जाम की व्यवस्था में भी अभूतपूर्व सुधार किए गए हैं

बिहार में आईटी हब बनने की, पूरी संभावना है। यहां पटना में भी I.T की बड़ी कंपनी ने अपना ऑफिस खोला है।


सिर्फ ऑफिस ही नहीं खुला है, बिहार के नौजवानों के लिए नए अवसर भी खुले हैं।

बीते वर्षों में दर्जन भर बीपीओ पटना, मुजफ्फरपुर और गया में खुले हैं

आज NDA सरकार का जोर है कि सरकारी सेवाओं और सुविधाओं से कोई क्षेत्र या कोई व्यक्ति छूट न जाए।

इसके लिए ज्यादा से ज्यादा टेक्नोलॉजी का उपयोग किया जा रहा है।

पटना में ही शहरी गरीबों को 28 हजार पक्के घर टेक्नोलॉजी के उपयोग से स्वीकृत हुए हैं


जनधन, आधार, मोबाइल की त्रिशक्ति अगर नहीं होती, तो कोरोना काल में बिहार के लाखों गरीबों के हक का राशन कोई हड़प लेता। जो पहले के वर्षों में होता था
निरंतर आगे बढ़ना, नए आयाम तय करना ही विकास है।

अब देश के करोड़ों साथियों को गांव में तेज इंटनेट चाहिए।

1,000 दिनों के भीतर गांव-गांव ऑप्टिकल फाइबर पहुंचाने का अभियान भी बिहार से शुरू हो चुका है।

लक्ष्य ये है कि बिहार के गांव-गांव में ये काम कुछ महीनों में पूरा कर लिया जाए।

टेक्नॉलॉजी का उपयोग करते हुए अब नेशनल डिजिटल हेल्थ मिशन भी शुरु किया जा रहा है।

इसके तहत बिहार के सभी नागरिकों का हेल्थ रिकॉर्ड बनेगा।

इससे गरीब को, मध्यम वर्ग के साथियों को अस्पतालों में लंबी कतारों में खड़ा होने की ज़रूरत नहीं रहेगी

ऑप्टिकल फाइबर से हर गांव में सार्वजनिक वाई-फाई सेवा मिलेगी।

प्राथमिक विद्यालय, आशा वर्कर, आंगनवाड़ी और जीविका दीदीयों को एक साल के लिए मुफ्त इंटरनेट सुविधा दी जाएगी