नई दिल्ली। मणिपुर लगभग 83 दिनों से हिंसा की आग में झुलस रहा है। दूसरी तरफ संसद का मानसून सत्र चल रहा है। विपक्ष प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से संसद में एक व्यापक बयान के साथ राष्ट्र को संबोधित करने की मांग उठा रहा है। इसको लेकर संसद के भीतर-बाहर लगातार प्रदर्शन भी हो रहा है। बीते दिनों मणिपुर का एक वीडियो भी वायरल हुआ था जिसमें 2 महिलाओं को नंगा करके घुमाने की शर्मनाक स्थिति इस हद तक बढ़ गई है कि भयावहता की कहानियां धीरे-धीरे सामने आ रही है। मणिपुर में चिंताजनक हिंसा के दूरगामी प्रभाव हैं, न केवल इस क्षेत्र के लिए बल्कि पूरे पूर्वोत्तर के लिए, जो पहले से ही अपनी नाजुक सुरक्षा स्थिति के लिए जाना जाता है। रिपोर्टों से पता चलता है कि मणिपुर में अशांति का असर पड़ोसी राज्यों में भी फैल रहा है, जिससे स्थिति और जटिल हो गई है।
विपक्ष लगातार संसद के मानसून सत्र के दौरान इस मुद्दे पर सरकार को घेरने के प्रयास में जुटा हुआ है। लेकिन गृहमंत्री शाह से लेकर सरकार के कई मंत्री इस बात को कई बार दोहरा चुके हैं कि विपक्ष खुद इस मुद्दे पर बात नहीं करना चाहता है। इस बीच आम आदमी पार्टी के नेता संजय सिंह भी लगातार राजयसभा के बाहर धरना प्रदर्शन पर बैठे हुए हैं। मणिपुर हिंसा को लेकर वो भी प्रदर्शन कर रहे हैं।
INDIA demands PM’s statement in both the Houses.
Protest at Gandhi Statue, Parliament House today. #Manipur pic.twitter.com/BKPyu8wl5N
— Ruchira Chaturvedi (@RuchiraC) July 24, 2023
वहीं भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के प्रमुख मल्लिकार्जुन खड़गे ने सोशल मीडिया पर ट्वीट कर अपना कड़ा असंतोष जताया है और संकट पर सरकार की प्रतिक्रिया के बारे में सवाल उठाए हैं। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि अब समय आ गया है कि प्रधानमंत्री मोदी अपने अहंकार को त्यागें और मणिपुर की स्थिति के संबंध में देश को विश्वास दिलाएं कि आरोपियों के ऊपर कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
83 days of unabated violence in Manipur requires the Prime Minister to make a comprehensive statement in the Parliament. Stories of absolute horror are now slowly trickling down.
INDIA demands answers from the Modi Govt on Manipur violence.
The situation in Northeast is… pic.twitter.com/N8eZTfB9ZK
— Mallikarjun Kharge (@kharge) July 25, 2023
आज मणिपुर की हिंसा को लेकर भारत के नागरिक मोदी सरकार से जवाब मांग रहे हैं। वे जानना चाहते हैं कि मणिपुर में हिंसा से निपटने और सामान्य स्थिति बहाल करने के लिए क्या ठोस कदम उठाए जा रहे हैं।