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पत्रिका गेट के उद्घाटन पर बोले PM मोदी- ‘पूरी उम्र सीखने की प्रक्रिया में पुस्तकों और लेखकों की अहम भूमिका’

पीएम मोदी(PM Modi) ने इस दौरान इस बात पर भी जोर दिया कि, आज Text और Tweet के इस दौर में ये और ज्यादा जरूरी है कि हमारी नई पीढ़ी गंभीर ज्ञान से दूर न हो जाए।

नई दिल्ली। मंगलवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी(PM Modi) ने जयपुर में पत्रिका गेट का उद्घाटन किया। इस दौरान पीएम मोदी ने लोगों की जिंदगी में पुस्तकों और लेखकों की भूमिका पर अपनी बात रखी। पीएम मोदी ने इस दौरान इस बात पर भी जोर दिया कि, आज Text और Tweet के इस दौर में ये और ज्यादा जरूरी है कि हमारी नई पीढ़ी गंभीर ज्ञान से दूर न हो जाए।

PM Modi Jaipur ashok gahlot

आपको बता दें कि इस कार्यक्रम में राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भी मौजूद रहे। इसके साथ ही उन्होंने पत्रिका अखबार समूह के अध्यक्ष द्वारा लिखी दो पुस्तकों का भी विमोचन किया। पीएम मोदी ने कहा कि, किसी भी समाज में समाज का प्रबुद्ध वर्ग, समाज के लेखक या साहित्यकार पथप्रदर्शक की तरह होते हैं, समाज के शिक्षक होते हैं। स्कूली शिक्षा तो खत्म हो जाती है, लेकिन हमारे सीखने की प्रक्रिया पूरी उम्र चलती है, हर दिन चलती है। इसमें बड़ी अहम भूमिका पुस्तकों और लेखकों की भी है।

PM Modi Jaipur book

उन्होंने कहा कि आज मुझे राजस्थान की ​संस्कृति को प्रतिबिंबित करने वाले पत्रिका गेट को समर्पित करने का अवसर मिला। ये (पत्रिका गेट) स्थानीय निवासियों के साथ ही वहां आने वाले पर्यटकों के​ लिए भी आकर्षण का केंद्र बनेगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि अक्षर हमारी भाषा की, हमारी अभिव्यक्ति की पहली इकाई होती है, संस्कृत में अक्षर का अर्थ है, जिसका क्षरण न हो, यानि जो हमेशा रहे। विचार की यही शक्ति है, सामर्थ्य है। हजारों साल पहले जो विचार, जो ज्ञान किसी ऋषि, वैज्ञानिक ने हमें दिया, वो आज भी संसार को आगे बढ़ा रहा है। हमारे उपनिषदों का ज्ञान, वेदों का चिंतन केवल आध्यात्मिक और दार्शनिक आकर्षण का ही क्षेत्र नहीं है। वेद और वेदांत में सृष्टि और विज्ञान का भी दर्शन है। आज विश्व जिन समस्याओं से जूझ रहा है उसकी चर्चा हजारों साल पहले हुई है।

पीएम मोदी ने कहा कि, आज Text और Tweet के इस दौर में ये और ज्यादा जरूरी है कि हमारी नई पीढ़ी गंभीर ज्ञान से दूर न हो जाए। उन्होंने कहा कि, ‘उपनिषदों का ज्ञान व वेदों का चिंतन केवल आध्यात्मिक और दार्शनिक आकर्षण का ही क्षेत्र नहीं है, वेद और वेदांत में सृष्टि व विज्ञान का भी दर्शन है। आज विश्व जिन समस्याओं से जूझ रहा है उसकी चर्चा हजारों साल पहले हुई है।’

PM Modi Jaipur

उन्होंने भारतीय शिक्षा पद्धति को लेकर कहा कि, अक्षर हमारी भाषा की, हमारी अभिव्यक्ति की पहली इकाई होते हैं। संस्कृत में अक्षर का अर्थ है, जिसका क्षरण न हो, यानि जो हमेशा रहे। हजारों साल पहले जो विचार, जो ज्ञान किसी ऋषि, वैज्ञानिक ने हमें दिया, वो आज भी संसार को आगे बढ़ा रहा है।

पीएम मोदी ने कहा कि, आज जब हम आत्मनिर्भर भारत की बात कर रहे हैं, वोकल फॉल लोकर की बात कर रहे हैं तो हमारा मीडिया इस संकल्प को एक बड़े अभियान की शक्ल दे रहा है। हमें अपने इस विजन को और व्यापक करने की जरूरत है। भारत के उत्पाद तो ग्लोबल हो ही रहे हैं, भारत की आवाज भी ग्लोबल हो रही है। दुनिया भारत को अब और ज्यादा ध्यान से सुनती है। आज लगभग हर अंतरराष्ट्रीय मंच में भारत की मजबूत उपस्थिति है। ऐसे में भारतीय मीडिया को भी ग्लोबल होने की जरूरत है।