नई दिल्ली। विधानसभा चुनाव से पहले भारतीय जनता पार्टी के बड़े नेताओं की बंगाल की राजनीति में धमक शुरू हो गई है। इसी क्रम में 7 फरवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी पश्चिम बंगाल के दौरे पर जाएंगे। इसके अलावा पीएम मोदी असम के दौरे पर होंगे। बता दें कि सात फरवरी की सुबह लगभग 11:45 बजे पीएम मोदी असम में दो अस्पतालों के फाउंडेशन स्टोन का लोकार्पण करेंगे। इसमें राज्य के राजमार्गों, जिला सड़कें शामिल है। पीएम मोदी असम में सोनितपुर जिले के ढेकियाजुली में प्रमुख कार्यक्रम ‘असोम माला’ का शुभारंभ करेंगे। असम में इन कार्यक्रमों में शामिल होने के बाद पीएम मोदी पश्चिम बंगाल जाएंगे। जहां वो हल्दिया में प्रमुख बुनियादी ढांचा परियोजनाओं की आधारशिला रखेंगे। गौरतलब है कि भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड के जरिए निर्मित एलपीजी आयात टर्मिनल को पीएम मोदी फिर से शुरू करने के लिए इसे समर्पित करेंगे। बता दें कि इसका निर्माण लगभग 1100 करोड़ रुपये के निवेश के साथ किया गया है।
वहीं एलपीजी आयात टर्मिनल कीक्षमता एक मिलियन मीट्रिक टन सालाना है। यह पश्चिम बंगाल और पूर्वी और पूर्वोत्तर भारत के अन्य राज्यों में एलपीजी की आवश्यकता जिस तरह से बढ़ रही है, उसको पूरा करेने में मदद करेगा। बता दें कि हर घर को स्वच्छ रसोई गैस मिलने को लेकर प्रधानमंत्री के दृष्टिकोण को साकार करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
इस दौरे में 348 किलोमीटर की डोभी-दुर्गापुर प्राकृतिक गैस पाइपलाइन सेक्शन के लिए पीएम मोदी देश को समर्पित करेंगे, यह प्रधानमंत्री ऊर्जा गंगा परियोजना का हिस्सा है। यह “एक राष्ट्र, एक गैस ग्रिड” की पूर्ति के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। लगभग 2400 करोड़ रुपये के निवेश से निर्मित, पाइपलाइन से HURL सिंदरी, झारखंड उर्वरक संयंत्र के पुनरुद्धार में मदद मिलेगी।
मैटिक्स उर्वरक संयंत्र को गैस की आपूर्ति दुर्गापुर, पश्चिम बंगाल में और सभी प्रमुख शहरों में औद्योगिक, वाणिज्यिक और ऑटोमोबाइल क्षेत्रों में गैस की मांग को पूरा करेंगी। इसके अलावा भारतीय तेल निगम की हल्दिया रिफाइनरी की दूसरी कैटेलिटिक-इसोडेवेक्सिंग इकाई की प्रधानमंत्री मोदी आधारशिला रखेंगे। इस इकाई में हर साल 270 हजार मीट्रिक टन की क्षमता होगी जिसके एक बार चालू होने के बाद विदेशी मुद्रा में 185 मिलियन यूएस डॉलर की बचत होगी।
प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राजमार्ग 41 पर रानीचाक, हल्दिया में 4 लेन फ्लाईओवर को भी राष्ट्र को समर्पित करेंगे, इसे 190 करोड़ रुपये की लागत से बनाया गया है।
इस दौरे पर बिस्वनाथ और चराइदेव में स्थापित किए जा रहे दो मेडिकल कॉलेजों और अस्पतालों के फाउंडेशन स्टोन का भी प्रधानमंत्री शिलान्यास करेंगे। कुल अनुमानित परियोजना लागत 1100 करोड़ रुपये से अधिक है। हर अस्पताल में 500 बेड की क्षमता और 100 MBBS सीटों की क्षमता होगी। मेडिकल कॉलेजों और अस्पतालों की संख्या में वृद्धि न केवल राज्य में डॉक्टरों की कमी को कम करेगी, बल्कि पूरे पूर्वोत्तर क्षेत्र के लिए असम को इलाज और चिकित्सा शिक्षा का केंद्र बनाएगी।