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वैक्सीन की लोडेड सिरिंज फेंकने के मामले में एएनएम निहा खान के खिलाफ FIR की तैयारी

जमालपुर यूपीएचसी पर 29 कोविड वैक्सीन (कोवाक्सिन) से लोडेड सिरिंज कूड़ेदान में मिली थी। एएनएम द्वारा लाभार्थियों के हाथ में सुई तो चुभोई जाती थी, लेकिन शरीर के अंदर वैक्सीन की डोज नहीं पहुंचाई जा रही थी। सुई चुभोने के बाद लोडेड सिरिंज कूड़ेदान में फेंक देती थी। यही नहीं लाभार्थियों का नाम कोविन पोर्टल पर अपलोड कर दिया गया है। केंद्र पर 18 से 44 आयु वर्ग के लोगों को टीका लग रहा था।

नई दिल्ली। अलीगढ़ के जमालपुर अर्बन प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में वैक्सीन भरी 29 सिरिंज कचरे में फेंकने के आरोप में एएनएम निहा खान पर शुक्रवार को मुकदमा दर्ज करने की तैयारी शुरू कर दी गई है। स्वास्थ्य विभाग से इनकी सेवा समाप्त कर दी गई है। इसके अलावा यहां तैनात चिकित्सक को भी हटाकर मूल तैनाती पर भेज दिया गया है। सीएमओ डा. भानु प्रताप कल्याणी ने बताया कि जांच रिपोर्ट मिल गई है। इसके आधार पर एएनएम निहा खान दोषी पाई गई हैं। इनके खिलाफ शुक्रवार को मुकदमा दर्ज कराया जाएगा। वहीं, चिकित्सक को यहां से हटा दिया गया है। इनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई भी शुरू हो गई है।

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आपको बता दें कि जमालपुर शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (यूपीएचसी) पर 29 कोविड वैक्सीन से लोडेज सिरिंज कूड़ेदान में फेंकने के मामले में एएनएम निहा खान दोषी पाई गई हैं। केंद्र की प्रभारी चिकित्साधिकारी डॉ. आरफीन को जानकारी के बावजूद तथ्यों को छुपाने का दोषी माना गया है।

मामला ये था कि जमालपुर यूपीएचसी पर 29 कोविड वैक्सीन (कोवाक्सिन) से लोडेड सिरिंज कूड़ेदान में मिली थी। एएनएम द्वारा लाभार्थियों के हाथ में सुई तो चुभोई जाती थी, लेकिन शरीर के अंदर वैक्सीन की डोज नहीं पहुंचाई जा रही थी। सुई चुभोने के बाद लोडेड सिरिंज कूड़ेदान में फेंक देती थी। यही नहीं लाभार्थियों का नाम कोविन पोर्टल पर अपलोड कर दिया गया है। केंद्र पर 18 से 44 आयु वर्ग के लोगों को टीका लग रहा था।

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22 मई को यूपीएचसी पर कोल्ड चेन मैनेजर रवेंद्र शर्मा के निरीक्षण के दौरान कोविड वैक्सीन से लोडेड 29 सिरिंज कूड़ेदान में पाया गया था। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. बीपी सिंह कल्याणी ने एसीएमओ डॉ. एमके माथुर एवं डिप्टी सीएमओ डॉ. दुर्गेश कुमार को जांच सौंपी थी।

दो सदस्यीय कमेटी ने बुधवार को अपनी रिपोर्ट सौंप दी है। जांच में एएनएम निहा खान को दोषी पाया गया है। वहीं प्रभारी चिकित्साधिकारी डॉ. आरफीन तथ्यों को छुपाने की दोषी पाई गई है। सब कुछ जानकारी होने के बाद निहा खान के खिलाफ कोई एक्शन नहीं लिया और न ही विभाग के अधिकारियों को जानकारी दी।