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OBC RESERVATION: राज्यों को मिल गया ओबीसी की लिस्ट तैयार करने का अधिकार, बिना विरोध पास हुआ था बिल

OBC RESERVATION: संसद में 127वां संशोधन संविधान के अनुच्छेद 342A(3) में बदलाव के लिए लाया गया था। लोकसभा में बिल पर वोटिंग के दौरान इसके पक्ष में 385 वोट पड़े थे। विरोध में एक भी वोट नहीं पड़ा था। वहीं, राज्यसभा में इस बिल के पक्ष में 187 वोट पड़े थे और किसी ने विरोध नहीं किया था। कानून का नाम संविधान (127वां संशोधन) एक्ट-2021 है।

नई दिल्ली। सभी राज्य और केंद्र शासित प्रदेश अब अन्य पिछड़ी जातियों यानी ओबीसी को रिजर्वेशन देने के लिए लिस्ट तैयार कर सकेंगे। संसद से इस बारे में पास हुए बिल को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने मंजूरी दे दी है। राष्ट्रपति की मंजूरी के साथ ही ये कानून बन गया है और अब राज्य पिछड़ी जातियों को 27 फीसदी रिजर्वेशन में हिस्सा भी दे सकेंगे। खास बात ये है कि इस बारे में जो बिल लाया गया था, उसे संसद में सभी विपक्षी दलों ने भी समर्थन दिया था। सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री वीरेंद्र कुमार ने इस बिल को पेश किया था। संसद में 127वां संशोधन संविधान के अनुच्छेद 342A(3) में बदलाव के लिए लाया गया था। लोकसभा में बिल पर वोटिंग के दौरान इसके पक्ष में 385 वोट पड़े थे। विरोध में एक भी वोट नहीं पड़ा था। वहीं, राज्यसभा में इस बिल के पक्ष में 187 वोट पड़े थे और किसी ने विरोध नहीं किया था। कानून का नाम संविधान (127वां संशोधन) एक्ट-2021 है।

OBC Reservation

इस कानून के बन जाने से ओबीसी जातियों को काफी सहूलियत होगी। पहले कानून न होने के कारण ओबीसी की लिस्ट राज्य नहीं बना पाते थे। वह अपनी सिफारिशें केंद्र सरकार को भेजते थे। फिर केंद्र गुण-दोष के आधार पर फैसला लेता था। बीते दिनों सुप्रीम कोर्ट ने पहले के कानून को गलत बताते हुए रोक लगा दी थी। जिसके बाद मोदी सरकार ने संविधान संशोधन कर राज्यों को ओबीसी लिस्ट बनाने का अधिकार देने के लिए बिल पास कराया।