नई दिल्ली। खबर है कि दिल्ली यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर और ज्ञानवापी मस्जिद के वजूखाने में प्राप्त शिवलिंग को लेकर आपत्तिजनक पोस्ट करने वाले रतनलाल को जमानत मिल गई है। दरअसल, उन्होंने बीते दिनों फेसबुक पर शिवलिंग को लेकर आपत्तिजनक पोस्ट लिखा था। जिसके बाद काफी बवाल मचा। इसके बाद प्रोफेसर के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट के वकील विनित जिंदल के खिलाफ दिल्ली पुलिस में 153 ए और 295 ए के धाराओं के तहत केस दर्ज कराया था। फिलहाल प्रोफेसर को 50 हजार के निजी मुचलके के आधार पर जमानत दे दी गई है। ध्यान रहे कि प्रोफेसर की गिरफ्तारी के विरोध में यूनिवर्सिटी के लेफ्ट विंग के छात्रों ने विरोध किया और तुरंत रिहाई की मांग की। सभी छात्रों ने एकजुट होकर प्रोफेसर की गिरफ्तारी के विरोध में नारेबाजी की। बहरहाल, अब काफी लंबे कश्मकश के बाद अब प्रोफेसर को रिहा कर दिया गया है।
जानिए पूरा माजरा
आपको बताते चलें कि बीते दिनों वाराणसी स्थित ज्ञानवापी के तीन दिनी सर्वे के उपरांत मस्जिद में स्थित वजूखाने में शिवलिंग प्राप्त हुआ था। जिसके बाद हिंदू पक्षकारों के उक्त स्थल पर मंदिर होने के दावे प्रबल हुए। लेकिन मुस्लिम पक्षकारों ने कहा कि शिवलिंग को फव्वारा बताकर हिंदू पक्षकारों के दावों को सिरे से खारिज कर दिया। लेकिन, अब इस पूरे मसले पर विवाद छिड़ चुका है। जहां कुछ लोग इसे फव्वारा बता रहे हैं, तो कोई इसे शिवलिंग बता रहे हैं। फिलहाल, मसला कोर्ट में विचाराधीन है। अब कोर्ट ही तय करेगा कि यह शिवलिंग या फव्वारा है। हालांकि, अब यह मसला एक नहीं, बल्कि तीन-तीन कोर्ट में विचाराधीन है। बीते दिनों कल सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई थी। सुनवाई के उपरांत कोर्ट इस मसले को जिला अदालत भेज चुकी है।
लेकिन मुस्लिम पक्षों ने शीर्ष अदालत के फैसले का विरोध किया तो कोर्ट ने कहा कि अगर आपा जिला अदालत के फैसले से संतुष्ट न हो तो आप दोबारा सुप्रीम कोर्ट का रुख कर सकते हैं। कोर्ट के दरवाजे आपके लिए हमेशा खुले रहेंगे। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने जिला जज के अनुभव को तवज्जो देते हुए यह मसला जिला अदालत को भेजने का फैसला किया था। अब ऐसे में देखना होगा कि यह पूरा मसला क्या कुछ रुख अख्तियार करता है। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी। तब तक के लिए आप देश-दुनिया की तमाम बड़ी खबरों से रूबरू होने के लिए पढ़ते रहिए। न्यूज रूम पोस्ट.कॉम