नई दिल्ली। यूपी की तर्ज पर हरियाणा में भी संपत्ति क्षति वसूली विधेयक-2021 लागू कर दिया गया है। इस बिल पर राज्य के राज्यपाल सत्यदेव नारायण आर्या ने अपनी मुहर लगा दी थी। वहीं इस बिल में प्रावधान होगा कि, अगर किसी आंदोलन में किसी भी तरह का नुकसान होता है तो उपद्रवियों से उसकी भरपाई की जाएगी। वहीं इस बिल को नए कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे किसान आंदोलन से जोड़कर देखा जा रहा है। बता दें कि किसान आंदोलन को देखते हुए हरियाणा सरकार ने इसे राज्य में तुरंत लागू कर दिया है। बता दें कि मार्च में हरियाणा विधानसभा में कांग्रेस सदस्यों के विरोध के बाद भी सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वाले हिंसक प्रदर्शनकारियों से क्षतिपूर्ति की वसूली का विधेयक पास किया गया था। इस विधेयक को लेकर विपक्ष का आरोप था कि इसे किसान आंदोलन के मद्देनजर पास किया गया है।
“किसान आंदोलन से नहीं जुड़ा विधेयक”
वहीं विपक्ष के आरोपों पर राज्य के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर और गृह मंत्री अनिल विज ने सफाई देते हुए कहा कि, कांग्रेस का इस तरीके का आरोप पूरी तरीके से बेबुनियाद है। दरअसल कांग्रेस का आरोप है कि, इस विधेयक लाने का फैसला केंद्र में लागू कानून को लेकर किसानों के आंदोलन से जुड़ा है। वहीं गृह मंत्री विज ने कहा कि विधेयक उन लोगों को जवाबदेह ठहराने से जुड़ा हुआ है जो आंदोलन के नाम पर दुकानों को जलाते हैं और विरोध प्रदर्शन के दौरान अन्य सार्वजनिक और निजी संपत्ति को नुकसान पहुंचाते हैं।
किसान आंदोलन से कोई लेना-देना नहीं
आपको बता दें कि इस विधेयक से आम आदमी को होने वाले नुकसान से राहत तो मिलेगी लेकिन वहीं कांग्रेस का इस विधेयक को लेकर कहना है कि ऐसे विधेयक की क्या आवश्यकता थी? जिस समय में यह विधेयक लाया गया है, उस समय किसान धरने पर बैठे हैं। इस आरोप पर मंत्री विज ने कहा था कि हम इस विधेयक को लोगों के लोकतांत्रिक अधिकार के खिलाफ नहीं ला रहे हैं। इसका किसान आंदोलन से कोई लेना-देना नहीं है। आपको बता दें कि दिल्ली के पास टिकरी और सिंघु बॉर्डर (हरियाणा) तथा गाजीपुर बॉर्डर (उत्तर प्रदेश) पर किसान पिछले छह महीनों से विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। उनकी मांग तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने और न्यूनतम समर्थन मूल्य की कानूनी गारंटी दिए जाने की है।