चंडीगढ़। पीएम नरेंद्र मोदी की सुरक्षा में बुधवार को लगी तगड़ी सेंध के मामले में पंजाब सरकार अपनी जिम्मेदारी से बचने की कोशिश कर रही है। खुद सीएम चरणजीत सिंह चन्नी अजब-गजब बयान देने लगे। उन्होंने ये मानने से इनकार तक कर दिया कि पीएम की सुरक्षा को खतरा था। ऐसे में अब चन्नी सवालों के घेरे में हैं। उनकी सरकार पर इस मामले में कड़ी कार्रवाई करने का दबाव बन गया है। चन्नी ने इस घटना को कितनी गंभीरता से लिया है, ये इसी से पता चलता है कि करीब 20 मिनट मोदी सुरक्षा के गंभीर खतरे में रहे, लेकिन अब तक किसी पर पंजाब सरकार ने कार्रवाई तक नहीं की है। ऊपर से चन्नी अपनी सरकार और अफसरों की खाल बचाने के लिए बयानबाजी कर मामले को दूसरा रूप देते दिखे।
चन्नी ने पहले कहा कि पीएम के साथ जो हुआ, वो कुदरती मामला था। बाद में जब वो घिरे, तो उल्टे सवाल दागने लगे। चन्नी ने सवाल दागा कि आखिर पीएम को 2 घंटे की सड़क यात्रा पर ले ही क्यों जाया गया था ? उन्होंने पीएम का रास्ता रोकने वाले प्रदर्शनकारियों को अपने लोग बताते हुए कहा कि वो उनपर लाठीचार्ज नहीं करा सकते थे। चन्नी ने ये भी कहा कि प्रदर्शनकारियों को उन्होंने भरोसा दिलाया था कि वो पीएम मोदी से उनकी बात कराएंगे। हालांकि, सीएम ने ये नहीं बताया कि प्रदर्शनकारियों और पीएम की मुलाकात कराने के बारे में उन्होंने पीएमओ से सिक्युरिटी क्लियरेंस लिया था या नहीं।
उधर, उनकी सरकार के कई मंत्री और कांग्रेस के नेता इस मामले में मोदी की हंसी उड़ाने लगे। एक मंत्री ने तो ये तक कहा कि फिरोजपुर में रैली स्थल पर भीड़ कम थी और इसी वजह से मोदी ने सुरक्षा चूक का बहाना बनाया। हालांकि, बाद में वीडियो आया कि पीएम के रैली स्थल पर बड़ी तादाद में लोग थे। ये वीडियो सामने आने के बाद कांग्रेस के इन नेताओं की जुबान पर ताला लग गया। अब देखना ये है कि मोदी की सुरक्षा से हुई गंभीर कोताही के मामले में किस तरह की सख्त कार्रवाई की जाती है। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने साफ कह दिया है कि दोषियों को किसी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा।