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Corona: एम्स के ट्रामा सेंटर पहुंचे डॉ. हर्षवर्धन, कहा- किसी चीज की कोई कमी नहीं है

Corona India: केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने एम्स के ट्रामा सेंटर का दौरा कर स्वास्थ्य सुविधाओं का जायज़ा लिया और कहा, ट्रामा सेंटर में कोविड बेड की संख्या लगभग 266 है इसमें से 253 बेड पर मरीज़ हैं।

नई दिल्ली। कोरोना से देश की राजधानी में बने हालात पर शुक्रवार सुबह केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन एम्स पहुंचे। वहां पहुंचकर उन्होंने स्वास्थ्य सेवाओं का जायजा लिया। सुविधाओं का जायजा लेने के दौरान डॉ हर्षवर्धन ने कहा कि, “देशभर में कोरोना के मामलों की संख्या बढ़ रही है। मैं अस्पतालों में जाकर डॉक्टरों से बात करके ये जानने की कोशिश कर रहा हूं कि हमें और क्या तैयारियां करने की जरूरत है।” उन्होंने कहा कि, 2021 में 2020 के मुकाबले भले ही मामलों की संख्या बढ़ रही है, उसकी गति तेज़ है। लेकिन 2021 में आपके(डॉक्टरों) पास कई सौ गुना ज़्यादा अनुभव है और हम बीमारी की गंभीरता को अच्छी तरह समझ चुके हैं। हमारे पास आज पहले के मुकाबले ज़्यादा आत्मविश्वास है। हर्षवर्धन ने कहा कि, “केंद्र सरकार के पास वेंटिलेटर हैं लेकिन अभी कोई राज्य सरकार हमसे वेंटिलेटर नहीं मांग रही है। बहुत सारी राज्य सरकारों को हमने जो वेंटिलेटर दिए हैं वो अभी उन सबका भी इस्तेमाल नहीं कर पाई हैं, उनके पास वेंटिलेटर लगाने का स्थान नहीं है।” केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि, “किसी चीज की कोई कमी नहीं है, अनुभव भी पर्याप्त हो गया है, सामान भी पर्याप्त है और टेस्टिंग की सुविधा भी पर्याप्त है।”

ट्रामा सेंटर का दौरा कर दी जानकारी

वहीं केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने एम्स के ट्रामा सेंटर का दौरा कर स्वास्थ्य सुविधाओं का जायज़ा लिया और कहा, ट्रामा सेंटर में कोविड बेड की संख्या लगभग 266 है इसमें से 253 बेड पर मरीज़ हैं। हमने यहां 70 और बेड बढ़ाने का निर्णय लिया है। झज्जर में नेशनल कैंसर इंस्टीट्यूट में कोविड के लिए 500 बेड हैं, वहां पर भी हमने 100 और बेड बढ़ाने का निर्णय लिया है।

Harshvardhan Aiims

एम्स निदेशक रणदीप गुलेरिया ने दी जानकारी

इस मौके पर एम्स के निदेशक रणदीप गुलेरिया ने बताया कि आखिर देश में वायरस कितनी तेजी से पैर पसार रहा है। गुलेरिया ने केंंद्रीय मंत्री को जानकारी दी कि, वायरॉलजी में 755 RT-PCR सैंपल्स की जांच की गई थी, 280 इसमें से पॉजिटिव निकले। यह काफी अधिक है। इसके साथ CBNAAT ने 232 टेस्ट किए थे, इसमें से 87 पॉजिटिव निकले हैं। उन्होंने कहा कि मार्च में जो पॉजिटिविटी रेट एक दो या फिर अधिकतम तीन फीसदी था, वह अब 40 फीसदी के करीब तक आ गया है। इस तरह के हालात चिंताजनक हैं। इसका मतलब यह है कि अस्पतालों मे जो पेशंट आ रहे हैं, वह RT-PCR जैसी शुरुआती जांच में ही बड़ी तादाद में पॉजिटिव आ रहे हैं। हमको इसको लेकर बेहद चौकन्ना रहने की जरूरत है।