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Bharat Ratna: 4 विभूतियों को राष्ट्रपति ने देश के सर्वोच्च सम्मान भारत रत्न से किया अलंकृत, जानिए देश के लिए इनका क्या रहा है योगदान

Bharat Ratna: देश की 4 विभूतियों को आज सर्वोच्च सम्मान भारत रत्न दिया गया। भारत रत्न पाने वालों में पूर्व पीएम पीवी नरसिंह राव, पूर्व पीएम चौधरी चरण सिंह, बिहार के पूर्व सीएम कर्पूरी ठाकुर और प्रख्यात कृषि वैज्ञानिक एमएस स्वामीनाथन हैं। पूर्व डिप्टी पीएम और बीजेपी के कद्दावर नेता रहे लालकृष्ण आडवाणी को भारत रत्न का सम्मान रविवार को दिया जाएगा।

नई दिल्ली। देश की 4 विभूतियों को आज सर्वोच्च सम्मान भारत रत्न दिया गया। भारत रत्न पाने वालों में पूर्व पीएम पीवी नरसिंह राव, पूर्व पीएम चौधरी चरण सिंह, बिहार के पूर्व सीएम कर्पूरी ठाकुर और प्रख्यात कृषि वैज्ञानिक एमएस स्वामीनाथन हैं। पूर्व डिप्टी पीएम और बीजेपी के कद्दावर नेता रहे लालकृष्ण आडवाणी को भारत रत्न का सम्मान रविवार को दिया जाएगा। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू खुद आडवाणी के घर जाकर उनको ये सम्मान देंगी।

भारत रत्न पाने वाले पीवी नरसिंह राव कांग्रेस के दिग्गज नेता थे। 8 बार लोकसभा चुनाव जीतने वाले नरसिंह राव 50 साल कांग्रेस में रहने के बाद राजीव गांधी के निधन पर पीएम पद पर बैठे थे। राव के दौर में भारत में आर्थिक उदारीकरण शुरू हुआ। उनके दौर में ही अयोध्या में बाबरी मस्जिद का विध्वंस किया गया। राव ने अल्पमत होते हुए भी 5 साल सरकार चलाई थी। इसी वजह से उनको राजनीति का चाणक्य माना जाता था।

पूर्व पीएम चौधरी चरण सिंह को भी भारत रत्न से सम्मानित किया गया है। कांग्रेस में चौधरी चरण सिंह रहे। वो बाद में जनता पार्टी में शामिल हुए। चौधरी चरण सिंह ने इमरजेंसी का विरोध किया। जनता पार्टी में विभाजन के बाद कांग्रेस के समर्थन से चौधरी चरण सिंह ने पीएम का पद हासिल किया। अचानक कांग्रेस ने चरण सिंह की सरकार से समर्थन वापस ले लिया। इसकी वजह से वो विश्वासमत लेने से पहले ही इस्तीफा देने पर मजबूर हुए। कहा जाता है कि चौधरी चरण सिंह ने इंदिरा गांधी के आवास जाकर मुलाकात से मना कर दिया था। जिसकी वजह से नाराज कांग्रेस ने उनकी सरकार से समर्थन वापस लिया।

कर्पूरी ठाकुर को भी मोदी सरकार ने भारत रत्न से नवाजा है। बिहार के नाई परिवार में जन्मे कर्पूरी ठाकुर ने कांग्रेस के खिलाफ सियासत की। इमरजेंसी के दौरान भी उनको गिरफ्तार नहीं किया जा सका था। कर्पूरी ठाकुर ने बिहार में पिछड़े और दलित समाज को सम्मान और उनका हक दिलाने के लिए काफी काम किया। उनकी सादगी की लोग आज भी तारीफ करते हैं। कर्पूरी ठाकुर जैसे नेता आज के दौर में देखने को नहीं मिलते। उन्होंने एक स्कूल बनवाने के लिए अपने घर के लिए आई ईंटों को भी दान दे दिया था।

कृषि वैज्ञानिक के तौर पर एमएस स्वामीनाथन का बहुत नाम है। उनका जन्म 1925 में मद्रास (अब चेन्नै) में हुआ था। साल 1943 में बंगाल में जबरदस्त अकाल पड़ा था। तमाम लोग उस अकाल में मारे गए। इसे देखकर एमएस स्वामीनाथन दुखी हुए। उन्होंने 1944 में मद्रास एग्रीकल्चर कॉलेज से कृषि विज्ञान में बीएससी की। फिर 1949 में एमएससी करने के बाद आलू पर पीएचडी की थी। एमएस स्वामीनाथन को कृषि क्षेत्र में काम करने के लिए पद्मश्री, पद्म भूषण, पद्म विभूषण, मैगसेसे सम्मान और विश्व खाद्य पुरस्कार भी मिले थे।

लालकृष्ण आडवाणी को हर व्यक्ति जानता है। सोमनाथ से अयोध्या तक उन्होंने राम रथ यात्रा निकाली थी। आडवाणी को बीजेपी का लौह पुरुष कहा जाता था। अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में वो डिप्टी पीएम और गृहमंत्री रहे। अयोध्या में राम मंदिर का सपना अगर साकार हुआ है, तो उसकी बड़ी वजह लालकृष्ण आडवाणी की रथ यात्रा ही रही। इस रथ यात्रा के बाद ही बीजेपी ने राम मंदिर के निर्माण को अपने एजेंडे में जगह दी थी। साल 2015 में लालकृष्ण आडवाणी को पद्मविभूषण सम्मान दिया गया था।