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भारत विकास परिषद दिल्ली क्षेत्र के सह संपर्क प्रमुख बने राजीव वालिया, संभाली जिम्मेदारी

स्वयंसेवी संस्था भारत विकास परिषद के सह संपर्क प्रमुख के तौर पर राजीव वालिया ने अपने जिम्मेदारी संभाल ली है। भारत विकास परिषद के उपाध्यक्ष विनीत गर्ग ने संस्था को राजीव वालिया का नाम सह संपर्क प्रमुख के लिए सुझाया था।

स्वयंसेवी संस्था भारत विकास परिषद दिल्ली क्षेत्र के सह संपर्क प्रमुख के तौर पर राजीव वालिया ने अपने जिम्मेदारी संभाल ली है। भारत विकास परिषद के उपाध्यक्ष विनीत गर्ग ने संस्था को राजीव वालिया का नाम दिल्ली क्षेत्र के सह संपर्क प्रमुख के लिए सुझाया था। विनीत गर्ग के इस सुझाव को भारत विकास परिषद के राष्ट्रीय संगठन मंत्री सुरेश जैन की तरफ से स्वीकृति दे दी गई।

इसके बाद राजीव वालिया ने इस पद को स्वीकार कर लिया। इसके बाद इसकी जानकारी मीडिया को देते हुए के भारत विकास परिषद के संपर्क प्रमुख माधव शर्मा ने बताया की राजीव वालिया अब से संस्था के दिल्ली क्षेत्र के सह संपर्क प्रमुख होंगे।

‘भारत विकास परिषद’ है क्या?

भारत विकास परिषद एक स्वयंसेवी संस्था है। जो समाज में सेवा एवं संस्कार-उन्मुख अराजनैतिक, सामाजिक-सांस्कृतिक संस्था को तौर पर काम करती है। यह संस्था बाबा साहब भीमराव अंबेडकर के सिद्धांतों को अपना कर काम करने के लिए जानी जाती है। इस संस्था के द्वारा बाबा साहब के आदर्शों को अपनाते हुए मानव-जीवन के सभी क्षेत्रों (संस्कृति, समाज, शिक्षा, नीति, अध्यात्म, राष्ट्रप्रेम आदि) में भारत के सर्वांगीण विकास के लिये समर्पित तरीके से काम किया जाता है। इसका लक्ष्यवाक्य है – “स्वस्थ, समर्थ, संस्कृत भारत”। यह संस्था स्वयंसेवक संघ का एक अंग है जो लोगों तक पहुंच कर उनके जीवन से जुड़े कार्य ओर उनका मार्गदर्शन करता है।


‘भारत विकास परिषद’ आमजन तक कैसे पहुंचती है?


भारत विकास परिषद् के काम करने का तरीका बिल्कुल अलग है। यह संस्था सामान्य मानवीय जीवन के हर पहलूओं पर विचार करती है। इस संस्था की पहुंच देश के सबसे निम्न तबके के लोगों तक है। यह संस्था पांच मूल सिद्धांतों के साथ समाज में काम करती है। संस्था के ये पांच सूत्र हैं- संपर्क, सहयोग, संस्कार, सेवा और समर्पण। इन्हीं मूल सिद्धांतों पर संस्था की नीव रखी गई और आज यह संस्था स्वस्थ, सक्षम, सुसंस्कृत, नैतिक भारत के निर्माण के लिए तेजी से काम कर रही है। इस संस्था के संस्कार योजना के द्वारा बच्चों, युवाओं, परिवारों, वरिष्ठ नागरिकों के लिए विकास कार्यक्रम चलाए जाते हैं। जिसमें प्रमुख है- बाल संस्कार शिविर, राष्ट्रीय संस्कृत गीत प्रतियोगिता, भारत को जानो, युवा संस्कार शिविर, परिवार संस्कार शिविर। सेवा योजना के द्वारा दिव्यांगों का कल्याण, पुनर्वास, आदिवासी विकास, गांव और शहरी- झोपड़ी विकास, सामूहिक सरल विवाह, महिलाओं और बच्चों को कानूनी सलाह देना शामिल है। वहीं अपने संपर्क योजना के तहत संस्था संस्कृति सप्ताह, स्थापना दिवस और प्रतिभा सम्मान, सेमिनार जैसे कार्यक्रम का आयोजन करती है।

कितना हो चुका है ‘भारत विकास परिषद’ का विस्तार


वर्तमान में पूरे देश में लगभग 70,000 सदस्यों के साथ संस्था की लगभग 1500 शाखाएं अपनी सेवाएं दे रही हैं। संस्था की पहुंच शहरों ही नहीं बल्कि देश के दूर दराज के ऐसे गांवों तक भी है जहां तक अभी भी सरकारी परियोजनाओं का लाभ पहुंचने में ही काफी वक्त लग जाता है। देश के विकलांग हो या आदिवासी, गरीब छात्र हो गरीब बेटियां संस्था समान रूप से सब तक अपनी पहुंच रखती है। वहीं युवाओं में भारतीय संस्कृति के प्रति जागरूकता बनाए रखने के लिए भी संस्था कुछ कार्यक्रमों जैसे राष्ट्रीय समूह गान प्रतियोगिता, भारत को जानो (भारत को जानो), गुरु वंदन छत्र अभिनन्दन (शिक्षकों के प्रति कृतज्ञता और मेधावी छात्रों को पुरस्कार), बाल, युवा संस्कार शिविरों, कार्यशालाओं का आयोजन करती रहती है।