नई दिल्ली। आज अयोध्या में 500 से अधिक वर्षों का सपना पूरा होने जा रहा है। करोड़ों हिंदुओं की आस्था के प्रतीक राम मंदिर में रामलाल की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत देश की तमाम बड़ी हस्तियां साधु संतों की मौजूदगी में की जाएगी। बात जब अयोध्या राम मंदिर आंदोलन की आती है तो इसमें हिंदूवादी नेताओं ने अपना सब कुछ न्योछावर कर दिया। शुरुआत से ही विश्व हिंदू परिषद, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और बीजेपी आदि दल जी जान से इस मुद्दे को लेकर लड़ते रहे। आखिरकार साड़ियों का सपना 2019 में सुप्रीम कोर्ट के हिंदुओं के पक्ष में अयोध्या राम मंदिर को सुने गए फैसले के बाद पूरा हुआ। लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुरुआत से ही बड़े ही भावनात्मक रूप से इस मुद्दे से जुड़े रहे हैं। चाहे राम मंदिर आंदोलन की बात हो या फिर भगवान श्री राम के आदर्शों का गुणगान करने की बात हो। पीएम मोदी हमेशा से ही आगे रहे हैं।
साल 1989 में विश्व हिंदू परिषद की धर्म संसद में बोलते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भगवान राम के गुना आदर्श शिक्षाओं आदि का बखान किया था। जहां उन्होंने कहा था की राम सिर्फ एक मर्यादा पुरुषोत्तम नहीं है वह सिर्फ एक भगवान नहीं है राम सिर्फ एक वीर, पराक्रमी योद्धा नहीं है जिसने रावण को हराया था। राम सिर्फ पिता दशरथ की आज्ञा मानने वाले पुत्र ही नहीं है, बल्कि राम हमारे लिए विश्वास और भावना का प्रतीक भी है। राम एक मंत्र है जो हर भारतीय के दिल में बसते हैं।
What is the significance of Shri Ram for every Indian?
Listen to a passionate explanation by Narendra Modi.
[Audio clip, 1989, VHP Dharam Sansad] pic.twitter.com/G3BfgGbGiv
— Modi Archive (@modiarchive) January 22, 2024
आपको बता दें कि पीएम मोदी अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत से ही राम मंदिर आंदोलन से सक्रिय रूप से जुड़े रहे हैं। वह बताते हैं कि जब राम मंदिर आंदोलन को लेकर कारसेवा की गई थी तो उन्होंने रामभक्तों की खूब सेवा की थी। आज आखिरकार वह दिन आ गया जब राम मंदिर के लिए बलिदान देने वालों का बलिदान सार्थक हो रहा है।