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Ayodhya: राष्ट्रपति के दौरे से पहले राम मंदिर ट्रस्ट की अहम बैठक, मंदिर निर्माण के बारे में कई फैसले संभव

Ayodhya: राम मंदिर के नींव का काम लगभग पूरा हो चुका है। अब इसके ऊपर प्लिंथ बनाकर चबूतरा और फिर उस चबूतरे पर मंदिर बनवाने का काम शुरू होगा। 15 सितंबर तक नींव का काम हो जाएगा। यहां आने वाले श्रद्धालु खुद मंदिर बनते देख सकें, इसके लिए ट्रस्ट ने जालियां लगाकर एक जगह भी सुरक्षित कर दी है।

अयोध्या। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के रविवार को अयोध्या दौरे से पहले राम मंदिर बनवा रहे श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्यों की अहम बैठक हो रही है। दो दिन की बैठक में ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय, मंदिर निर्माण करा रहे पूर्व सीनियर आईएएस नृपेंद्र मिश्र और अन्य सदस्य हिस्सा ले रहे हैं। इस बैठक के लिए ट्रस्ट के सभी सदस्य अयोध्या में हैं। बैठक से पहले सदस्यों ने रामलला के मंदिर निर्माण की जगह को देखा। अब मीटिंग में मंदिर निर्माण करा रही कंपनियों के इंजीनियर्स के साथ भी बातचीत होगी। इंजीनियर बताएंगे कि मंदिर निर्माण का काम कितना आगे बढ़ा है। सर्किट हाउस में हो रही बैठक में ट्रस्ट के कोषाध्यक्ष गोविंद देव गिरी भी हैं। साथ ही आरएसएस के पूर्व सहकार्यवाह भैया जी जोशी भी इसमें शामिल होंगे।

गोविंद देव गिरी के मुताबिक राम मंदिर के नींव का काम लगभग पूरा हो चुका है। अब इसके ऊपर प्लिंथ बनाकर चबूतरा और फिर उस चबूतरे पर मंदिर बनवाने का काम शुरू होगा। 15 सितंबर तक नींव का काम हो जाएगा। यहां आने वाले श्रद्धालु खुद मंदिर बनते देख सकें, इसके लिए ट्रस्ट ने जालियां लगाकर एक जगह भी सुरक्षित कर दी है। बता दें कि ट्रस्ट ने 2023 तक हर हाल में मंदिर निर्माण का लक्ष्य तय किया है। साल 2023 के दिसंबर से मंदिर में भक्तों को रामलला और उनके भाइयों के दर्शन का सौभाग्य मिलने वाला है। मंदिर के लिए राजस्थान के बंशी पहाड़पुर और यूपी के चित्रकूट से बलुआ पत्थर लाए जा रहे हैं।

मंदिर में पहले गर्भगृह और नाट्य मंडप बनाकर रामलला को वहां स्थापित कर दिया जाएगा। इसके बाद बाकी मंदिर को बनाने का काम चलता रहेगा। पूरा मंदिर साल 2024 में बनकर तैयार होने की संभावना है। पत्थरों की कटान और उन्हें तराशने के लिए कार्यशाला में 1980 के दशक से ही दिन-रात काम हो रहा है। वहीं, यूपी की योगी आदित्यनाथ सरकार भी अयोध्या के विकास के लिए तमाम काम करा रही है।