नई दिल्ली। पतंजलि द्वारा दिए गए भ्रामक विज्ञापन मामले में सुप्रीम कोर्ट में पेशी से एक दिन पहले योगगुरु रामदेव और आचार्य बालकृष्ण ने शीर्ष अदालत में हलफनामा दायर कर एक बार फिर बिना शर्त माफी मांगी है। हलफनामे में रामदेव और बालकृष्ण की तरफ से कहा गया है कि हम सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का अक्षरश: पालन करेंगे। इसके पहले 2 अप्रैल को भी सुप्रीम कोर्ट में पेशी के दौरान रामदेव और बालकृष्ण ने माफी मांगी थी जिसे सर्वोच्च अदालत ने अस्वीकार कर दिया था। इतना ही नहीं कोर्ट ने रामदेव को फटकार लगाते हुए अदालत के पूर्व में दिए आदेश को न मानने पर नाराजगी जताई थी।
Misleading Ads Case : Baba Ramdev & Patanjali MD Furnish Unconditional Apology Before Supreme Court#SupremeCourtOfIndia #Patanjali https://t.co/T48AbpvX5Q
— Live Law (@LiveLawIndia) April 9, 2024
जस्टिस हिमा कोहली ने कहा था कि पहले जो हुआ, उसके लिए आप क्या कहेंगे? बाबा रामदेव की ओर से पेश वकील ने कहा कि भविष्य में ऐसा नहीं होगा। पहले जो गलती हो गई, उसके लिए माफी मांगते हैं। सुप्रीम कोर्ट ने इसपर कहा कि सर्वोच्च अदालत ही नहीं, देश की किसी भी अदालत का आदेश हो, उसका उल्लंघन नहीं होना चाहिए। कोर्ट ने पतंजलि की माफी को स्वीकार नहीं किया। अदालत ने कहा कि आपने क्या किया है, उसका आपको अंदाजा नहीं है। हम अवमानना की कार्यवाही करेंगे। इसके बाद मामले की सुनवाई के लिए 10 अप्रैल की तारीख सुनिश्चित की थी।
कोर्ट ने यह भी कहा था कि बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण को कोर्ट में उपस्थित रहना होगा। कोर्ट ने रामदेव और बालकृष्ण से लिखित हलफनामा मांगा था। जो सुनवाई से एक दिन पहले आज उन्होंने दाखिल कर दिया। बता दें कि इंडियन मेडिकल एसोसिएशन की ओर से 17 अगस्त 2022 को सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की गई थी। इसमें कहा गया है कि पतंजलि ने कोविड वैक्सीनेशन और एलोपैथी के खिलाफ निगेटिव प्रचार किया। वहीं खुद की आयुर्वेदिक दवाओं से कुछ बीमारियों के इलाज का झूठा दावा किया है। आईएमए की ओर से इस मामले में पतंजलि पर कार्रवाई करने की मांग की गई है।