नई दिल्ली। माघ पूर्णिमा की पावन तिथि पर आज देशभर में संत रविदास की जयंती मनाई जा रही है। वहीं यूपी से लेकर पंजाब तक राजनीतिक पार्टियों के लिए रविदास जयंती सियासत का अड्डा बन गई है। दरअसल विधानसभा के चुनावी संग्राम के बीच राजनीतिक दलों में संत रविदास की जयंती मनाने की होड़ मच गई है। इस खास मौके पर एक ओर प्रधानमंत्री मोदी ने दिल्ली के रविदास मंदिर में पूजा-अर्चना की तो वहीं गुरु की जन्मस्थली वाराणसी में भी नेताओं का जमघट लगा हुआ है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी, प्रियंका गांधी और पंजाब के सीएम चरणजीत सिंह चन्नी ने वाराणसी पहुंचकर रविदास मंदिर में आयोजित समारोह में पूजा अर्चना की। इसके अलावा दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने जयंती के दिन सार्वजनिक अवकाश देने की घोषणा की है।
भक्तों के बीच पहुंचे मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बुधवार को रविदास जयंती के मौके पर दिल्ली के करोल बाग स्थित रविदास मंदिर पहुंचे। रविदास मंदिर में पूजा-अर्चना के बाद पीएम मोदी ने वहां मौजूद महिलाओं संग कीर्तन में हिस्सा लिया। साथ ही महिलाओं के साथ मोदी ने मंजीरा भी बजाया।
Very special moments at the Shri Guru Ravidas Vishram Dham Mandir in Delhi. pic.twitter.com/PM2k0LxpBg
— Narendra Modi (@narendramodi) February 16, 2022
वाराणसी में कांग्रेस का जमावड़ा
पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी आधी रात को ही काशी पहुंच गए। उन्होंने सुबह गुरु के दर पर मत्था टेका। वहीं कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी और राहुल गांधी ने भी वाराणसी पहुंचकर संत रविदास मंदिर के दर्शन किए।
LIVE: Shri @RahulGandhi & Smt. @priyankagandhi offer humble prayers to Guru Ravidas Ji Maharaj in Varanasi. https://t.co/VpjT0YgJZD
— Congress (@INCIndia) February 16, 2022
चुनावी मौसम में दलितों को साधने की कोशिश ?
संत रविदास महाराज छुआछूत की कुप्रथा के कट्टर विरोधी थे और दलितों की स्थिति को सुधारने के लिए उन्होंने जीवनभर काम किया। पंजाब और यूपी में रविदास महाराज के अनुयायियों की बड़ी आबादी है। जिसके कारण उनकी जयंती पर राजनेताओं में उनके अनुयायियों को साधने की कोशिशें तेज हो गई हैं। गौरतलब है कि, पंजाब चुनाव की घोषणा के बाद से ही संत रविदास की जयंती सुर्खियों में है। पहले उनकी जयंती को देखते हुए पंजाब में चुनावों की तारीख को आगे बढ़ाया गया। अब राजनीतिक पार्टियां उनके नाम पर पंजाब और यूपी के दलित वोटर्स को साधने से पीछे नहीं हट रहीं।