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Maharashtra: सत्ता जाते ही महाविकास अघाड़ी में दिखने लगी दरार, उद्धव पर निशाना साध शरद पवार बोले- बिना मेरी जानकारी के…

औरंगाबाद का नाम संभाजीनगर और उस्मानाबाद का नाम धाराशिव करने की इच्छा शिवसेना के संस्थापक और देश के कद्दावर हिंदुत्ववादी नेताओं में शामिल बालासाहेब ठाकरे की थी। उनके जीवन पर्यंत ये काम नहीं हो सका था। इस बार सीएम के पद से इस्तीफा देने से पहले उद्धव ठाकरे ने अपने अंतिम कैबिनेट मीटिंग में दोनों शहरों का नाम बदलने का एलान किया था।

मुंबई। महाराष्ट्र की सत्ता गंवाने के साथ ही महाविकास अघाड़ी में भी शिवसेना के खिलाफ आवाज उठने लगी है। अघाड़ी सरकार बनवाने में बड़ी भूमिका निभाने वाले एनसीपी चीफ शरद पवार ने शिवसेना के सुप्रीमो उद्धव यादव पर निशाना साधा है। ये निशाना उन्होंने औरंगाबाद और उस्मानाबाद का नाम बदलने के फैसले के मुद्दे पर साधा। बता दें कि उद्धव ठाकरे ने सीएम पद से इस्तीफा देने से पहले औरंगाबाद का नाम बदलकर संभाजीनगर और उस्मानाबाद का नाम बदलकर धाराशिव करने का फैसला कैबिनेट की मीटिंग में किया था। अब तक तो पवार ने इस पर चुप्पी साधे रखी थी, लेकिन अब वो इसके खिलाफ बयान दे रहे हैं।

मीडिया से शरद पवार ने कहा कि औरंगाबाद और उस्मानाबाद के नाम बदलना महाविकास अघाड़ी के कॉमन मिनिमम प्रोग्राम में नहीं था। पवार ने कहा कि सीएम उद्धव ठाकरे ने नाम बदलने का जब एलान किया, तभी उन्हें भी इसके बारे में जानकारी हुई। पवार के इस बयान से साफ हो रहा है कि अघाड़ी सरकार के आखिरी दिनों में शिवसेना और एनसीपी के रिश्ते सहज नहीं रह गए थे। तमाम फैसले शायद उद्धव ठाकरे बतौर सीएम ऐसे भी कर रहे थे, जिनकी जानकारी सहयोगी दल एनसीपी या कांग्रेस को नहीं हो रही थी।

uddhav thakre

बता दें कि औरंगाबाद का नाम संभाजीनगर और उस्मानाबाद का नाम धाराशिव करने की इच्छा शिवसेना के संस्थापक और देश के कद्दावर हिंदुत्ववादी नेताओं में शामिल बालासाहेब ठाकरे की थी। उनके जीवन पर्यंत ये काम नहीं हो सका था। इस बार सीएम के पद से इस्तीफा देने से पहले उद्धव ठाकरे ने अपने अंतिम कैबिनेट मीटिंग में दोनों शहरों का नाम बदलने का एलान किया था। हालांकि, नाम बदलने की अंतिम मंजूरी केंद्र सरकार देती है। बता दें कि औरंगाबाद में मुगल बादशाह औरंगजेब की कब्र है।