नई दिल्ली। हिंदू और हिंदुत्व पर बयान देने वाले आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत अक्सर सुर्खियों में बने रहते हैं और इसकी वजह भी खुद उनके बयान होते हैं। हाल ही में उन्होंने धर्म संसद के बैनर तले आयोजित कार्यक्रमों में कथित तौर पर हिंदुत्व को लेकर दिए गए बयानों पर असहमति जताई थी। उन्होंने यहां तक कह दिया था कि, अगर गुस्से में वो भी कुछ कहते हैं, तो वो हिंदुत्व नहीं है। वहीं अब एक बार फिर, संघ संचालक मोहन भागवत का बयान मीडिया की हेडलाइंस बन चुका है। पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव से ठीक एक दिन पहले आया मोहन भागवत का बयान कई माइनों में अहम माना जा रहा है।
प्राथमिकता होना चाहिए ‘राष्ट्र हित’- भागवत
आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने एक बार फिर हिंदुत्व पर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि ‘हिंदू हित’ यानी ‘राष्ट्र हित’ हम सबकी प्राथमिकता होना चाहिए। हैदराबाद में कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मोहन भागवत ने कहा, दूसरे नंबर पर अपनी जाति, भाषा और परिवार का हित होना चाहिए। मगर पहले नंबर पर केवल राष्ट्र हित होना चाहिए। अपने संबोधन में भागवत ने कहा, “कोई भी बात जो आपस में झगड़ा कराने वाली हो, उसमें हम नहीं जाएंगे। कोई भी बात जो हमें डरपोक बनाने वाली हो, उसमें भी हम नहीं जाएंगे। हम स्वाभिमान से जिएंगे और पालन-पोषण करेंगे। हमारा संकल्प इस तरह का जीवन जीने का होना चाहिए।”
#WATCH | …Remember priority should be ‘Hindu interest’ i.e. national interest. Other interests such as language, caste are secondary… We will not engage in anything that instigates to fight within…We will live with dignity: RSS chief Mohan Bhagwat in Hyderabad (09.02) pic.twitter.com/2fsphPDRfM
— ANI (@ANI) February 9, 2022
‘हिंदुत्व को खत्म करने की कोशिश नाकाम’
मोहन भागवत ने कहा कि, “पिछले हजार सालों से हमें और हमारे हिंदुत्व को मिटाने का प्रयास जारी है, मगर हजार सालों में ऐसा संभव नहीं हो पाया है।” भागवत ने उन लोगों के जमीर को खोखला बताया, जो हिंदुत्व को मिटाना चाहते हैं। बता दें कि, मोहन भागवत हैदराबाद में स्थापित किए गए ‘स्टैच्यू ऑफ इक्वलिटी’ से जुड़े कार्यक्रम में शामिल होने पहुंचे थे।