नई दिल्ली। राजस्थान में एक बार फिर से मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच जुबानी जंग तेज होते दिखाई दे रही है। राज्य में ठीक विधानसभा चुनाव से पहले राजस्थान कांग्रेस में तलवार खीचते दिखाई दे रही है। पायलट ने अपनी ही राज्य सरकार पर सवाल उठाए है। उन्होंने सीएम गहलोत पर जमकर हमला भी बोला। इतना ही नहीं कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने अपनी सरकार के खिलाफ धरने पर बैठने का भी ऐलान किया है। पायलट ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए कहा कि, मैंने उनसे (सीएम अशोक गहलोत) आग्रह किया था। कि चुनाव के लिए डेढ़ साल बचे है। हमें कांग्रेस जनों को ये दिखाना पड़ेगा। हमारी कथनी और करनी में कोई फर्क नहीं है। मैंने उन्हें हमारे बयान और प्रतिक्रिया दी थी जनसभाओं में जो आरोप लगाए थे। मैंने ये कापी AICC और तमाम नेताओं को दिए थे कि इस पर संज्ञान लिया जाए।
उन्होंने बताया कि मैंने पहली चिट्ठी 28 मार्च 2022 को लिखी थी उसका कोई जवाब नहीं मिला। तो फिर मैंने 2 नवंबर 2022 को एक और चिट्ठी लिखी थी। इसका भी जवाब मुझे मिला नहीं। उसमें बड़े विनम्रता से आग्रह किया। 2013 में 22 में ही सिमट गए थे लेकिन 2018 के चुनाव में 100 तक पहुंचे। लोगों ने हमारी बातों पर विश्वास किया।
अपनी ही सरकार पर भड़कते हुए सचिन पायलट ने कहा, जब हमारी सरकार बनी थी तब भ्रष्टाचार को लेकर हमने मिलकर कई बातें कहीं थी लेकिन अब तक यह काम नहीं हुए हैं। इसे देखते हुए मैं 11 अप्रैल को शहीद स्मारक पर एक दिन का अनशन करेंगे। यह अनशन उन बातों को रखने और उन्हें करने लिए किया जा रहा है जो अब तक हमारी सरकार द्वारा नहीं हुईं।
#WATCH जब हमारी सरकार बनी थी तब भ्रष्टाचार को लेकर हमने मिलकर कई बातें कहीं थी लेकिन अब तक यह काम नहीं हुए हैं। इसे देखते हुए मैं 11 अप्रैल को शहीद स्मारक पर एक दिन का अनशन करेंगे। यह अनशन उन बातों को रखने और उन्हें करने लिए किया जा रहा है जो अब तक हमारी सरकार द्वारा नहीं हुईं:… pic.twitter.com/9bVKnzr4fZ
— ANI_HindiNews (@AHindinews) April 9, 2023
इस बीच सूत्रों के हवाले के खबर है कि सचिन पायलट की प्रेस कॉन्फ्रेंस पर कांग्रेस आलाकमान संज्ञान ले सकता है। इसके अलावा राजस्थान के प्रभारी सुखविंदर सिंह रंधावा सचिन पायलट से बात भी कर सकते हैं।