नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अयोध्या से चुनाव लड़ने की संभावना होने के साथ ही मठों-मंदिरों के साथ ही चौक चौराहों पर चर्चाएं गर्म हो गई है। Ayodhya (अयोध्या) के संतों का कहना है कि सीएम योगी का उत्तर प्रदेश से लड़ने का फैसला ये साबित करेगा कि उनका फोकस राम मंदिर के साथ ही अयोध्या को भी विकसित करने का है। इसके साथ ही उन योजनाओं को भी रूप दिया जाएगा जो कि अभी पाइपलाइन में हैं।
प्रमुख संत डॉ. राम विलास वेदांती का कहना है योगी आदित्यनाथ की गोरक्षपीठ मठ की तीन पीढ़ियों का अयोध्या से खास नाता रहा है। वो अपने मुख्यमंत्री काल में करीब 30 बार अयोध्या का दौरा कर चुके हैं। ये उनके अयोध्या से लगाव को दर्शाता है।
सीएम योगी के लिए करेंगे चुनाव प्रचार
इसके आगे संत राजकुमार दास ने ये भी कहा कि योगी संत बिरादरी के ही हैं ऐसे में संत समाज उनके लिए प्रचार भी करेगा। जहां तक चुनावी समीकरण का मुद्दा है बीजेपी को इसमें फायदा मिलना लगभग तय है। सीएम योगी और बीजेपी को हिंदुत्व, राम मंदिर और अयोध्या के विकास से ही समर्थन मिलेगा।
आपको बता दें, प्रदेश में विधानसभा चुनाव का ऐलान हो चुका है। 8 जनवरी को आयोग ने चुनाव की तारीखों का ऐलान कर दिया था। 403 सीटों वाली विधानसभा के लिए 10 फरवरी से लेकर 7 मार्च तक 7 चरणों में मतदान होगा। इस चरणों के तहत पहला मतदान 10 फरवरी, दूसरा 14 फरवरी, तीसरा 20 फरवरी, चौथा 23 फरवरी, पांचवा 27 फरवरी, छटा 3 मार्च और 7वां 7 मार्च को होगा। यहां ध्यान हो कि बीते कुछ समय में सामने आए सर्वे में तो भारतीय जनता पार्टी के लिए ही अच्छी खबर सामने आ रही है। अब देखना होगा कि ये सर्वे हक्कीकत में भी सच होंगे या नहीं।