
लखनऊ। समाजवादी पार्टी और कांग्रेस में फिर ठनती दिखाई दे रही है। समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता आईपी सिंह ने शनिवार को कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा। समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता आईपी सिंह ने एक्स पर पोस्ट कर कांग्रेस पर निशाना साधा है। आईपी सिंह ने अपने पोस्ट में कांग्रेस के सांसद इमरान मसूद के लिए विवाद पैदा करने वाले शब्द भी लिखे हैं। इसके अलावा आईपी सिंह ने ये भी कहा है कि सपा की मदद से ही सोनिया गांधी रायबरेली से सांसद बनती रहीं। आईपी सिंह ने ये भी लिखा है कि कांग्रेस अपनी हैसियत भूल गई है। साथ ही ये भी कहा है कि राहुल गांधी के रहते कांग्रेस 2050 तक केंद्र में सरकार नहीं बना पाएगी। पढ़िए सपा प्रवक्ता आईपी सिंह ने अपने पोस्ट में क्या लिखा है।
दरअसल, 2027 में यूपी विधानसभा के चुनाव होने हैं। इस बारे में कांग्रेस सांसद इमरान मसूद ने बयान दिया है कि यूपी के अगले चुनाव में 80-17 का फॉर्मूला नहीं चलेगा। इमरान मसूद ने ये भी कहा कि कांग्रेस को अपने पैरों पर खड़ा करना होगा, किसी की बैसाखी की जरूरत नहीं है। कांग्रेस सांसद ने ये भी कहा है कि हम भिखारी नहीं हैं। सपा इसलिए भी भड़की है क्योंकि इमरान मसूद ने कहा कि कांग्रेस को किसी अन्य दल के नेता की छवि के लिए नहीं राहुल गांधी के नाम पर वोट मिले। उन्होंने ये भी कहा कि राहुल गांधी ही बीजेपी को सीधी टक्कर दे सकते हैं। इमरान मसूद ने अखिलेश यादव के पीडीए यानी पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक फॉर्मूले पर भी सवाल उठाया और कहा कि हमें अल्पसंख्यक क्यों कहा जा रहा? इस फॉर्मूले में मुस्लिमों की पहचान कहां है?

सपा और कांग्रेस के बीच तनातनी कोई नई बात नहीं है। मध्य प्रदेश विधानसभा के पिछले चुनाव के वक्त भी दोनों पार्टियों में टकराव हुआ था। उस वक्त मध्य प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष कमलनाथ ने सपा के अध्यक्ष अखिलेश यादव के बारे में सवाल पूछे जाने पर ‘अखिलेश-वखिलेश’ कह दिया था। इससे समाजवादी पार्टी भड़की थी। इसके अलावा लोकसभा चुनाव 2024 में भी यूपी में सीटों के बंटवारे पर दोनों पार्टियों में कुछ तनातनी देखने को मिली थी। हालांकि, सपा और कांग्रेस ने इंडी गठबंधन से अलग होने का फैसला नहीं किया और साथ चुनाव लड़े। इसका फायदा समाजवादी पार्टी को ज्यादा हुआ। जबकि, कांग्रेस की भी सीट बढ़ी। अब सपा प्रवक्ता आईपी सिंह के पोस्ट के बाद कांग्रेस की तरफ से प्रतिक्रिया का इंतजार है। देखना है कि कांग्रेस पलटवार करती है या गठबंधन धर्म के कारण चुप रहती है।