रायपुर। छत्तीसगढ़ में 3 महीने बाद विधानसभा चुनाव होने हैं। यहां विधानसभा की 90 सीटें हैं। साल 2018 में कांग्रेस ने चुनाव जीतकर सरकार बनाई थी और सीएम भूपेश बघेल समेत कांग्रेस के तमाम नेता दावा कर रहे हैं कि एक बार फिर छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव जीतकर सरकार बनाएंगे, लेकिन सोमवार को कांग्रेस को बड़ा झटका लगा। कांग्रेस को ये झटका सतनामी समुदाय के आध्यात्मिक गुरु बालदास साहब ने दिया है। बालदास साहब एक बार फिर बीजेपी के साथ खड़े हो गए हैं। बालदास साहब के साथ उनके बेटे खुशवंत साहब, सौरभ साहब और बेटी लेमीक्षा गुरु भी बीजेपी के पाले में आ गए हैं। बालदास साहब ने कांग्रेस पर अपने समुदाय के अपमान का आरोप भी लगाया है।
अगर सतनामी समुदाय के गुरु के वोटरों पर दबदबे को देखें, तो साल 2013 में बालदास साहब ने बीजेपी का पक्ष लिया था। उस साल बीजेपी ने छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव जीता था। फिर 2018 में बालदास साहब अपने बेटों के साथ कांग्रेस के पाले में चले गए थे और इसका फायदा कांग्रेस को चुनावों में हुआ था। सतनामी आध्यात्मिक गुरु बालदास साहब और उनके बड़े बेटे खुशवंत साहब की अनुसूचित जातियों में गहरी पैठ है। अनुसूचित जाति के लोग बालदास साहब और उनके परिवार को बहुत मानते हैं। ऐसे में बालदास साहब और उनके परिवार का बीजेपी में एक बार फिर आने से कांग्रेस को चुनावों में जोर का झटका लग सकता है।
छत्तीसगढ़ की 20 विधानसभा सीटों पर बालदास साहब का दबदबा माना जाता है। छत्तीसगढ़ में अनुसूचित जाति की आबादी करीब 14 फीसदी है। बालदास साहब के साथ रहते बीजेपी ने 2013 में कांग्रेस से 10 सीटें ज्यादा हासिल की थीं। वहीं, 2018 में जब बालदास साहब कांग्रेस के पाले में गए थे, तब कांग्रेस ने 71 सीटें जीती थीं। फिलहाल बालदास साहब के बेटे खुशवंत साहब ने बीजेपी से आरंग सीट पर टिकट मांगा है और बीजेपी उनको टिकट दे सकती है। इससे सतनामी समाज पर बीजेपी के पक्ष में माहौल भी बनेगा।