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Delhi Jal Board: इस वजह से देना पड़ गया राघव चड्ढा को DJB के उपाध्यक्ष पद से इस्तीफा, अब सौरव भारद्वाज संभालेंगे जिम्मेदारी

Delhi Jal Board : वर्तमान में दिल्ली जल बोर्ड के अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी आप से राज्यसभा सांसद सतेंद्र जैन के कांधों पर है। दिल्ली जल बोर्ड का गठन 6 अप्रैल 1998 को दिल्ली विधान सभा के एक अधिनियम के जरिए किया गया था। वहीं, अगर आम आदमी पार्टी की राजनीतिक स्थिति की बात करें, तो लगातार अपनी सियासी बिसात बिछा रही है।

नई दिल्ली। दिल्ली जल बोर्ड से जुड़ी एक बड़ी खबर सामने आई है। खबर है कि दिल्ली जल बोर्ड के उपाध्यक्ष पद की जिम्मेदारी संभाल रहे राघव चड्ढा को पद से विमुक्त कर दिया गया है। उनकी जगह पर यह जिम्मेदारी सौरव भारद्वाज को सौंपी गई है। बता दें कि सौरव ग्रेटर कैलाश से आम आदमी पार्टी के विधायक हैं। ध्यान रहे कि राज्यसभा से नामांकन करने के बाद उपरांत उन्हें दिल्ली जल बोर्ड के उपाध्यक्ष पद की जिम्मेदारी से विमुक्त करने का फैसला किया गया है। वहीं, दिल्ली जल बोर्ड के उपाध्यक्ष पद की जिम्मेदारी संभालने जा रहे सौरव भारद्वाज ग्रेटर कैलाश से तीन मर्तबा विधायक रह चुके हैं। साल 2013, 2015 और 2020 के विधानसभा चुनावों में अनवरत जीत का पताका फहराने वाले सौरव भारद्वाज तीन मर्तबा आम आदमी पार्टी से विधायक रहे हैं।इसके साथ ही वे कई समसामयिक मसलों को लेकर अपनी पार्टी के पक्ष रखने में कोई संकोच नहीं करते हैं। वे आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता भी हैं।

Saurabh Bharadwaj

वहीं, वर्तमान में दिल्ली जल बोर्ड के अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी आप से राज्यसभा सांसद सतेंद्र जैन के कांधों पर है। दिल्ली जल बोर्ड का गठन 6 अप्रैल 1998 को दिल्ली विधान सभा के एक अधिनियम के जरिए किया गया था। वहीं, अगर आम आदमी पार्टी की राजनीतिक स्थिति की बात करें, तो लगातार अपनी सियासी बिसात बिछा रही है। विगत दिनों उत्तर प्रदेश समेत पांचों राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव में जिस तरह पार्टी ने बंपर जीत हासिल की है, उसे लेकर माना जा रहा है कि अब आगामी दिनों में बीजेपी के लिए अगर कोई वैकल्पिक चुनौती लेकर उभरेगा तो वो रही आम आदमी पार्टी।

पंजाब में पार्टी ने जबरदस्त जीत हासिल की है। उधर, कई चुनावी सूबों में अपना चुनावी खाता खोलने में भी कामयाब रही है। गौर करने वाली बात यह है कि सीएम केजरीवाल का दिल्ली मॉडल हर जगह सटीक बैठ रहा है। अब ऐसी स्थिति में आगे चलकर उनकी पार्टी की सियासी स्थिति क्या रुख अख्तियार करती है। यह तो फिलहाल आने वाला वक्त ही बताएगा।