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कोरोना पॉजिटिव कर्मचारी मिलने पर भी दफ्तर नहीं होंगे पूरी तरह से सील, इमारत सेनेटाइज़ कर इतने घंटे बाद शुरू कर सकेंगे काम

केन्द्र सरकार ने कार्यालयों को राहत देते हुए कहा है कि लॉकडाउन के बाद फिर से खुलने वाले कार्यालय में अगर कोविड-19 संक्रमण मामले की पुष्टि होती है तो ऑफिस को पूरी तरह सील नहीं किया जाएगा।

नई दिल्ली। इस वक्त पूरे देश में एक कोरोनावायरस का कहर जारी है लोग अपने घरों में इस महामारी के चलते कैद हैं और हर तरह की आर्थिक गतिविधियां फिलहाल देश के ज्यादातर हिस्सों में रुकी हुई है। सभी तरह की बड़ी कंपनियां और आईटी सेक्टर को कोरोनावायरस के खतरे को देखते हुए केंद्र सरकार ने बंद करने के आदेश दिए थे। अब अपने उस फैसले के बाद केन्द्र सरकार ने कार्यालयों को राहत देते हुए कहा है कि लॉकडाउन के बाद फिर से खुलने वाले कार्यालय में अगर कोविड-19 संक्रमण मामले की पुष्टि होती है तो ऑफिस को पूरी तरह सील नहीं किया जाएगा।

केंद्र सरकार ने यह फैसला प्रोटोकॉल के साथ आर्थिक गतिविधियों को फिर से शुरू करने के लिए लिया है। बता दें कि देशभर में 3 मई तक लॉकडाउन है ऐसे में सभी कार्यालय बंद किए जा चुके हैं।

खबर के मुताबिक, कार्यस्थल पर यदि कोई कोरोनावायरस संक्रमित पाया जाता है तो, कार्यालय की इमारत को सील नहीं किया जाएगा और ना ही उसे एक नियंत्रण क्षेत्र घोषित नहीं किया जाएगा। हालांकि अगर मामले सामने आते हैं तो उस पूरे क्षेत्र को सैनिटाइज किया जाएगा। एक अन्य अधिकारी ने कहा कि जिलाधिकारी स्वास्थ्य विशेषज्ञों की सलाह के अनुसार काम करेंगे। लेकिन इमारत को तीन महीने के लिए सील करने के कोई निर्देश नहीं हैं। स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय और भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद अब पूल परीक्षण जैसे रोकथाम और अन्य उपायों पर विचार कर रहे हैं।

पब्लिक हेल्थ फाउंडेशन ऑफ इंडिया (PHFI) के मुताबिक सैनिटाइज होने के 12 घंटे के बाद कार्यालय को फिर से खोल सकते हैं। गौरतलब है कि भारतीय अर्थव्यवस्था में आईटी कंपनियों का एक बड़ा योगदान है। इसको देखते हुए यह फैसला काफी अहम माना जा रहा है।