नई दिल्ली। एक महत्वपूर्ण फैसले के तहत, सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को राजनीतिक दलों को चुनाव लड़ रहे उम्मीदवारों के खिलाफ लंबित आपराधिक मामलों की जानकारी उनकी संबंधित वेबसाइटों पर देने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने यह फैसला गत चार आम चुनावों में राजनीति के आपराधीकरण का हवाला देते हुए सुनाया। न्यायमूर्ति आर.एफ. नरीमन की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि दलों को लंबित आपराधिक मामलों वाले उम्मीदवारों को चुनने का कारण बताना होगा और इसकी सूचना वेबसाइट पर अपलोड करनी होगी।
शीर्ष अदालत ने यह भी कहा कि राजनीतिक पार्टियों को लंबित आपराधिक मामलों वाले उम्मीदवारों के चयन के बाबत चुनाव आयोग को 72 घंटे के अंदर एक अनुपालन रिपोर्ट दाखिल करना होगा। शीर्ष अदालत ने यह आदेश अधिवक्ता अश्विनी उपाध्याय की ओर से दायर अवमानना याचिका पर दिया, जिसमें उन्होंने राजनीति में बढ़ते आपराधीकरण का हवाला दिया था।
Supreme Court directs political parties to upload on their websites the reasons for selection of candidates with criminal antecedents. pic.twitter.com/WGibnBLvEJ
— ANI (@ANI) February 13, 2020
याचिका में दावा किया गया कि इस बाबत शीर्ष अदालत के सितंबर 2018 के आदेश का पूरी ईमानदारी के साथ पालन नहीं किया गया, जिसमें उम्मीदवारों केआपराधिक मामलों की जानकारी का खुलासा करने को लेकर दिशानिर्देश जारी किए गए थे। शीर्ष अदालत ने यह भी निर्देश दिया कि राजनीतिक दलों को इसकी जानकारी फेसबुक, ट्विटर जैसे सोशल मीडिया साइट्स के अलावा एक स्थानीय और एक राष्ट्रीय अखबार में मुहैया करानी होगी। अदालत ने चुनाव आयोग को निर्देश दिया कि अगर इन दिशानिर्देशों का पालन नहीं होता है तो वह इस बारे में अदालत को सूचित करे।