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JK Delimitation: जम्मू-कश्मीर में नया परिसीमन और सीट बदलने की प्रक्रिया सही, SC का बड़ा फैसला

JK Delimitation: इसके अलावा दोनों की तरफ से याचिका में कहा गया था कि जम्मू-कश्मीर परिसीमन में सही प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया। जबकि, सरकार, जम्मू कश्मीर प्रशासन और इलेक्शन कमीशन ने इस दलील को गलत ठहराया था। जस्टिस अभय एस ओका ने जजमेंट पढ़ते हुए कहा, केंद्र सरकार के पास ये शक्तियां है कि वो किसी भी राज्य में डिलिमिटेशन कर सकता है। 

नई दिल्ली। जम्‍मू-कश्‍मीर में परिसीमन मामले में बड़ी खबर सामने आई है। जम्‍मू-कश्‍मीर में परिसीमन मामले में सुप्रीम कोर्ट का फैसला आ गया है। कोर्ट ने परिसीमन मामले में सोमवार को केंद्र सरकार को बड़ी राहत दी है। दरअसल सुप्रीम कोर्ट ने परिसीमन को चुनौती देने वाली सभी याचिकाओं को सिरे से खारिज कर दिया है। सर्वोच्च न्यायाल ने सरकार द्वारा जम्‍मू-कश्‍मीर में परिसीमन की प्रकिया को एकदम सही बताया है। आपको बता दें कि जस्टिस अभय एस ओका की अध्यक्षता वाली पीठ ने ये अहम फैसला सुनाया है। याचिकाकर्ता हाजी अब्दुल गनी खान, मोहम्मद अयूब मट्टू की तरफ से जम्मू-कश्मीर में विधानसभा सीटों और संसदीय सीटों के परिसीमन को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई थी। इन्हीं याचिकाओं को कोर्ट ने रद्द कर दिया है। यानि कि अब जम्मू-कश्मीर में चुनाव कराने का रास्ता भी क्लियर हो गया है।

Jammu Kashmir

इसके अलावा दोनों की तरफ से याचिका में कहा गया था कि जम्मू-कश्मीर परिसीमन में सही प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया। जबकि, सरकार, जम्मू कश्मीर प्रशासन और इलेक्शन कमीशन ने इस दलील को गलत ठहराया था। जस्टिस अभय एस ओका ने जजमेंट पढ़ते हुए कहा, केंद्र सरकार के पास ये शक्तियां है कि वो किसी भी राज्य में डिलिमिटेशन कर सकता है।

वहीं इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार की तरफ से पेश हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा था कि सविधान के अनुच्छेद 2, 3 और 4 के तहत संसद को ये शक्तियां देता है वो किसी भी राज्य के मौजूदा विधानसभा या संसदीय सीट है उनमें डिलिमिटेशन कर सकता है।