नई दिल्ली। देश की राजधानी दिल्ली में 8, 9 और 10 सितंबर को जी-20 देशों के नेताओं की बैठक होने जा रही है। इस वजह से राजधानी को अभेद्य सुरक्षा दायरे में कसा गया है। तमाम जगह कमांडो दस्ते लगाए गए हैं। पुलिस भी चौकसी बरत रही है। जी-20 देशों के नेताओं की बैठक मध्य दिल्ली में होनी है। बाकी कार्यक्रम भी इसी इलाके में होंगे। बावजूद इसके पूरी दिल्ली और आसपास के शहरों में भी केंद्रीय एजेंसियां लगातार नजर रख रही हैं। इसकी बड़ी वजह एक खुफिया इनपुट है। इस खुफिया इनपुट की वजह से ही सुरक्षा व्यवस्था में जुटी एजेंसियों के कान खड़े हुए हैं।
सूत्रों के मुताबिक ये खुफिया इनपुट मिला है कि जी-20 देशों की बैठक के दौरान शरारती तत्व भारत की इज्जत को दाग लगाने के लिए कोई न कोई हरकत कर सकते हैं। बीते दिनों ऐसे ही तत्वों ने दिल्ली के कई मेट्रो स्टेशन पर खालिस्तान समर्थक और भारत विरोधी नारे लिखे थे। खालिस्तान के पक्ष और भारत विरोधी नारे दीवार पर लिखने वालों की पुलिस तलाश कर रही है। खुफिया इनपुट मिलने से केंद्रीय एजेंसियां इस वजह से भी चौंकन्नी हैं, क्योंकि किसान आंदोलन के दौरान जब तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप दिल्ली आए थे, तब राजधानी में बड़े पैमाने पर हिंसा भी हुई थी।
एजेंसियों और पुलिस को इनपुट मिला है कि जी-20 की बैठक के दौरान दिल्ली में शरारती तत्व किसी न किसी बहाने से प्रदर्शन भी कर सकते हैं। ऐसे में दिल्ली पुलिस ने तय किया है कि राजधानी में कहीं भी लोगों को एक जगह कतई इकट्ठा नहीं होने दिया जाएगा। दिल्ली पुलिस सूत्रों के मुताबिक जी-20 देशों के नेताओं की बैठक के दौरान पूरी दिल्ली और उसकी सीमाओं पर कड़ी चौकसी बरती जाएगी और हर शरारती तत्व पर सख्त कार्रवाई का फैसला भी लिया गया है।