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Ghulam Nabi Azad: 2024 से पहले कांग्रेस को लगा सबसे बड़ा झटका, वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने पार्टी से दिया इस्तीफा

लगता है देश की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस की आगामी लोकसभा समेत इससे पूर्व होने जा रहे तमाम विधानसभा चुनावों में कांग्रेस की दुर्गति होने से अब कोई नहीं रोक सकता है, क्योंकि अब जिस तेजी से पार्टी के तमाम नेता कांग्रेस का साथ छोड़ते जा रहे हैं, उससे साफ जाहिर हो रहा है कि अब कांग्रेस की दुर्गति तय है।

नई दिल्ली। लगता है देश की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस की आगामी लोकसभा समेत इससे पूर्व होने जा रहे तमाम विधानसभा चुनावों में कांग्रेस की दुर्गति होने से अब कोई नहीं रोक सकता है, क्योंकि अब जिस तेजी से पार्टी के तमाम नेता कांग्रेस का साथ छोड़ते जा रहे हैं, उससे साफ जाहिर हो रहा है कि अब कांग्रेस की दुर्गति तय है। दरअसल, अब खबर आई है कि कांग्रेस पार्टी के दिग्गज नेता गुलाम नबी आजाद ने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने पार्टी के सभी पदों से इस्तीफा दे दिया है। इसके साथ ही उन्होंने कांग्रेस पार्टी के सर्वेसर्वा कहे जाने वाले गांधी परिवार को भी निशाने पर लिया है।

गुलाब नबी आजाद पिछले कुछ समय से पार्टी से नाराज चल रहे थे। इसके पहले उन्होंने जम्मू-कश्मीर के लिए बनाये गये अभियान समिति के अध्यक्ष पद से भी इस्तीफा दे दिया था। बता दें कि कांग्रेस पार्टी की तरफ से उन्हें जिम्मेदारी मिलने के चंद घंटों बाद ही उन्होंने इससे अपना नाम वापस ले लिया था। गौरतलब है कि गांधी परिवार से बिफरे नेताओं में उनका नाम शीर्ष पर था। G-23 नामक ग्रुप में गुलाम नबी आजाद सबसे कद्दावर नेताओं में से एक थे। G-23 के माध्यम से उन्होंने कांग्रेस में बड़े बदलाव की मांग की थी लेकिन कांग्रेस आलाकमान ने उनकी सिफारिशों को नजरअंदाज कर दिया था। बता दें कि गुलाम नबी आजादी ने कांग्रेस को अलविदा कहने के साथ ही सात पन्नों का इस्तीफा भी लिखा है, जिसमें उन्होंने गांधी परिवार को जमकर खरी खोटी सुनाई है।

ध्यान रहे कि कांग्रेस को अलविदा कहने से पहले कई मसलों को लेकर उनके गांधी परिवार से मतभेद सतह पर आते हुए दिखे हैं। कई मुद्दों को लेकर तकरार देखने को मिली है। हालांकि, कथित तौर पर उन्हें मनाने की भी कोशिश  की जाती रही , लेकिन आज गुलाम नबी आजाद के इस्तीफे से  यह साफ हो गया कि कथित तौर पर ही सही, लेकिन इतना साफ है कि कांग्रेस पार्टी गुलाम नबी आजाद को मनाने में नाकाम रही है।