नई दिल्ली। लगता है देश की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस की आगामी लोकसभा समेत इससे पूर्व होने जा रहे तमाम विधानसभा चुनावों में कांग्रेस की दुर्गति होने से अब कोई नहीं रोक सकता है, क्योंकि अब जिस तेजी से पार्टी के तमाम नेता कांग्रेस का साथ छोड़ते जा रहे हैं, उससे साफ जाहिर हो रहा है कि अब कांग्रेस की दुर्गति तय है। दरअसल, अब खबर आई है कि कांग्रेस पार्टी के दिग्गज नेता गुलाम नबी आजाद ने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने पार्टी के सभी पदों से इस्तीफा दे दिया है। इसके साथ ही उन्होंने कांग्रेस पार्टी के सर्वेसर्वा कहे जाने वाले गांधी परिवार को भी निशाने पर लिया है।
— ANI (@ANI) August 26, 2022
गुलाब नबी आजाद पिछले कुछ समय से पार्टी से नाराज चल रहे थे। इसके पहले उन्होंने जम्मू-कश्मीर के लिए बनाये गये अभियान समिति के अध्यक्ष पद से भी इस्तीफा दे दिया था। बता दें कि कांग्रेस पार्टी की तरफ से उन्हें जिम्मेदारी मिलने के चंद घंटों बाद ही उन्होंने इससे अपना नाम वापस ले लिया था। गौरतलब है कि गांधी परिवार से बिफरे नेताओं में उनका नाम शीर्ष पर था। G-23 नामक ग्रुप में गुलाम नबी आजाद सबसे कद्दावर नेताओं में से एक थे। G-23 के माध्यम से उन्होंने कांग्रेस में बड़े बदलाव की मांग की थी लेकिन कांग्रेस आलाकमान ने उनकी सिफारिशों को नजरअंदाज कर दिया था। बता दें कि गुलाम नबी आजादी ने कांग्रेस को अलविदा कहने के साथ ही सात पन्नों का इस्तीफा भी लिखा है, जिसमें उन्होंने गांधी परिवार को जमकर खरी खोटी सुनाई है।
“It is therefore with great regret and an extremely leaden heart that I have decided to sever my half a century old assocation with Indian National Congress,” read Ghulam Nabi Azad’s resignation letter to Congress interim president Sonia Gandhi pic.twitter.com/X49Epvo1TP
— ANI (@ANI) August 26, 2022
“It is therefore with great regret and an extremely leaden heart that I have decided to sever my half a century old assocation with Indian National Congress,” read Ghulam Nabi Azad’s resignation letter to Congress interim president Sonia Gandhi pic.twitter.com/X49Epvo1TP
— ANI (@ANI) August 26, 2022
ध्यान रहे कि कांग्रेस को अलविदा कहने से पहले कई मसलों को लेकर उनके गांधी परिवार से मतभेद सतह पर आते हुए दिखे हैं। कई मुद्दों को लेकर तकरार देखने को मिली है। हालांकि, कथित तौर पर उन्हें मनाने की भी कोशिश की जाती रही , लेकिन आज गुलाम नबी आजाद के इस्तीफे से यह साफ हो गया कि कथित तौर पर ही सही, लेकिन इतना साफ है कि कांग्रेस पार्टी गुलाम नबी आजाद को मनाने में नाकाम रही है।