
नई दिल्ली। एनसीपी के सर्वेसर्वा शरद पवार ने आज अपनी पार्टी के लिए दो कार्यकारी अध्य़क्ष बनाए। कार्यकारी अध्यक्ष की यह जिम्मेदारी सुप्रिया सुले और प्रफुल्ल पटेल को सौंपी गई। इसके बाद यह चर्चा उठी कि शरद पवार ने इस फैसले से अजीत पवार को निराश कर दिया। उनके अरमानों पर पानी फेर दिया, क्योंकि अजीत पवार पार्टी की कमान अपने हाथ में लेना चाहते थे, लेकिन शरद पवार ने दो कार्यकारी अध्यक्ष बनाकर उनके लिए सारे द्वार बंद कर दिए। बताया जा रहा है कि शरद पवार के इस फैसले के बाद अजित पवार निराश हैं, लेकिन अब ऐसी ही चर्चाओं के बीच जयंत पाटिल ने बयान देकर पूरी स्थिति स्पष्ट कर दी है और इसके साथ ही उन सभी चर्चाओं पर भी विराम लगा दिया है, जिसमें इस तरह की बातें कहीं जा रही हैं।
जयंत पाटिल ने कहा कि अजित पवार पहले ही एनसीपी अध्यक्ष बनने के प्रति अपनी अनिच्छा जाहिर कर चुके हैं। ऐसे में यह कहना कि शरद पवार के फैसले से अजित पवार निराश हैं, मुझे लगता है, कहना गलत होगा, क्योंकि उनके पास पहले ही बहुत काम है। उन्हें पार्टी ने पहले ही कई जिम्मदेारियां दीं हैं। ऐसे में उनके लिए यह मुमकिन नहीं है कि अब एनसीपी की कमान सौंपी जाए। इसके अलावा सुप्रिया सुले और प्रफुल्ल पटेल को कार्यकारी अध्य़क्ष बनाए जाने का फैसला अजित पवार की मौजूदगी में लिया गया है। ऐसी सूरत में उनके निराश होने का सवाल ही नहीं है। ध्यान दें कि इससे पहले जब शरद पवार ने एनसीपी पद से इस्तीफा दिया था, तो उस वक्त भी ऐसी चर्चाएं उठीं थीं कि पार्टी की कमान अब सुप्रिया सुले या अजित पवार में से किसी एक को दी जा सकती है।

हालांकि, अजित पवार ने मीडिया से बातचीत के दौरान स्पष्ट कर दिया था कि वो एनसीपी की कमान अपने हाथ में नहीं लेना चाहते हैं, लेकिन महाराष्ट्र की राजनीति को गहराई से समझने वाले लोगों का कहना है कि अजित पवार बेशक मीडिया के सामने यह दावा करें कि वो एनसीपी अध्य़क्ष नहीं बनना चाहते हैं, लेकिन उनके मन में इस पद को लेकर लगातार लड्डू फूट रहे हैं।