मुंबई। एनसीपी पर कब्जे की जंग नए स्तर पर पहुंचती दिख रही है। शरद पवार गुट के मुख्य सचेतक जीतेंद्र आव्हाड ने अजित पवार गुट के साथ गए 12 विधायकों को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। आव्हाड ने इन सभी विधायकों से 48 घंटे में जवाब मांगा है। दरअसल, ये सभी 12 विधायक शरद पवार की बैठक में नहीं आए थे। वे अजित पवार कैंप में दिखे थे। इससे पहले जीतेंद्र आव्हाड ने अजित पवार के साथ मंत्रीपद की शपथ लेने वाले 8 विधायकों की सदस्यता खत्म करने की अर्जी महाराष्ट्र विधानसभा के अध्यक्ष राहुल नार्वेकर को दी थी।
शरद पवार कैंप की तरफ से जिन विधायकों से 48 घंटे में जवाब तलब किया गया है, उनमें माणिकराव कोकाटे, संग्राम जगताप, राजेश पाटील, राजू कारेमोरे, मनोहर चंद्रिकापुरे, सुनील शेल्के, शेखर निकम, दिलीप बनकर, यशवंत माने, नितिन पवार भी शामिल हैं। इन सबके बारे में जीतेंद्र आव्हाड ने विधानसभा अध्यक्ष को पार्टी विरोधी गतिविधि करने की चिट्ठी अलग से भी लिखी है। यानी अजित के साथ जाने वाले विधायकों पर शरद पवार कैंप अब हर तरह का दबाव बना रहा है, ताकि उनको वापस अपने साथ लाया जा सके। आने वाले दिनों में शरद पवार कैंप और भी ऐसे कदम उठा सकता है।
अजित पवार ने काफी इंतजार के बाद एनसीपी में कोई बड़ा पद न मिलने के बाद चाचा शरद पवार से बगावत की थी। उनके साथ शरद पवार की तरफ से नियुक्त कार्यकारी अध्यक्षों में से एक प्रफुल्ल पटेल भी शामिल हैं। अजित पवार कैंप ने दावा किया है कि एनसीपी के 40 विधायकों का समर्थन उसे हासिल है। बीते दिनों अजित कैंप और शरद कैंप ने एक ही दिन बैठक की थी। जिसमें अजित पवार के साथ एनसीपी के 32 विधायक दिखे थे। वहीं, शरद पवार के साथ काफी कम विधायक ही थे। दोनों धड़ों ने चुनाव आयोग में एनसीपी पर कब्जे का दावा भी कर रखा है।