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लॉकडाउन : भीड़ ने पुलिस अफसर के घायल होने की अफवाह फैलाई, 15 गिरफ्तार

लॉक डाउन के बीच सैकड़ों शरारती तत्वों ने सोमवार दोपहर के वक्त यूपी के बरेली जिले में एक चौकी में घुसने की कोशिश की।

नई दिल्ली। कोरोना के कहर की चेन तोड़ने के लिए लागू लॉकडाउन की अहमियत देश में अभी भी लोगों की समझ में नहीं आ रही है। ऐसे ही सैकड़ों शरारती तत्वों ने सोमवार दोपहर के वक्त यूपी के बरेली जिले में एक चौकी में घुसने की कोशिश की। भीड़ लॉकडाउन और धारा-144 का खुलेआम उल्लंघन कर गांव से पहले सड़क पर आई, और फिर पुलिस चौकी की ओर बढ़ने लगी।


हालात भांपते ही बरेली जिला पुलिस प्रशासन ने अतिरिक्त पुलिस फोर्स के साथ भीड़ को जब दौड़ाना शुरू किया, तो लोग गांव में जाकर छिप गए।

लॉकडाउन क्या होता है? कोरोना से निपटने के लिए इसकी कितनी जरूरत है? इस वक्त कोरोना की चेन तबाह करने के लिए सोशल डिस्टेंसिंग खुद पर लागू करना क्यों और किस कदर जरूरी है? ये तमाम बातें बताने-समझाने को जब पुलिस गांव में घुसी तो वहां भी तमाशबीन भीड़ ने पुलिस टीम को घेरने की हिमाकत करनी चाहिए।


खुद को चारों ओर से पुलिस पार्टियों से घिरा देख कुछ सिरफिरे ग्रामीणों ने यह अफवाह फैला दी कि पुलिस पार्टी पर हमला हो गया है। 2016 बैच के आईपीएस अधिकारी एडिशनल एसपी अभिषेक वर्मा सहित कई पुलिस वाले जख्मी हो गए हैं। इससे बरेली ग्रामीण और शहरी क्षेत्र में अफवाहों का बाजार और भी ज्यादा गरम होने लगा। जबकि हकीकत इससे एकदम अलग निकली।

इस पूरे मामले की हकीकत जानने के लिए आईएएनएस ने सोमवार को बरेली के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) शैलेश कुमार पांडेय से बात की। एसएसपी बरेली के मुताबिक, घटना सोमवार दोपहर करीब एक बजे की है। इज्जतनगर थाना क्षेत्रांतर्गत स्थित करमपुर चौधरी गांव की है।


एसएसपी के मुताबिक, गांव वाले इज्जतनगर चौकी बैरियर-एक पर भीड़ के रूप में इकट्ठा होने की कोशिश कर रहे थे। उसी वक्त पुलिस ने भीड़ को लॉकडाउन और धारा-144 लागू होने का हवाला देकर वापस घरों में लौटने को कहा। काफी समझाने के बाद भी भीड़ मानने को राजी नहीं हुई। इसलिए एडिशनल एसपी अभिषेक वर्मा अतिरिक्त फोर्स के साथ भीड़ को तितर-बितर करने मौके पर पहुंचे। पुलिस टीमों ने भीड़ को खदेड़ते हुए गांव में घुसा दिया। साथ ही पीछे-पीछे पुलिस टीमें भी यह देखने को गांव में जा पहुंचीं कि लोग घरों के बाहर गलियों में इकट्ठे तो नहीं हैं।

 Lockdown
बरेली वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने आईएएनएस से आगे कहा, भीड़ में मौजूद कुछ शरारती तत्वों ने अफवाह फैलानी शुरू कर दी कि एडिशनल पुलिस अधीक्षक अभिषेक वर्मा घायल हो गये हैं। इसके पीछे भीड़ का मकसद सिर्फ और सिर्फ किसी तरह पुलिस को गुमराह करके दोबारा लॉकडाउन तोड़ने का इरादा रहा होगा। अभिषेक वर्मा भीड़ के बीच फंसकर घायल नहीं हुए, बल्कि भीड़ को दौड़ाते वक्त हमारे एडिशनल एसपी का पांव खुद ही स्लिप हो गया था। जबकि भीड़ ने इसे पुलिस अफसर को जख्मी हो जाने की अफवाह उड़ाकर उसका बेजा इस्तेमाल करना चाहा, जो हमने कतई नहीं होने दिया।

एसएसपी के मुताबिक, लॉकडाउन का उल्लंघन करने की कोशिश में आईपीसी की धारा-188 के तहत कानून कार्रवाई की गई है। 15 लोगों को हिरासत में भी लिया गया है। बाकियों की तलाश की जा रही है।