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Sharad Pawar: ‘पीएम की डिग्री देश का मुद्दा नहीं’, कांग्रेस को अडानी पर झटका देने के बाद शरद पवार ने अब अरविंद केजरीवाल को दी नसीहत

आप के नेता पिछले कुछ दिन से पीएम मोदी की डिग्री का मुद्दा उछाल रहे हैं। रविवार से आप के नेताओं ने खुद अपनी डिग्रियां सार्वजनिक करनी शुरू की हैं। हालांकि, इस मुद्दे पर आप के संयोजक और दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल को गुजरात हाईकोर्ट से झटका तक लग चुका है। उनपर कोर्ट ने 25000 का जुर्माना भी लगाया था।

नासिक। एनसीपी के प्रमुख शरद पवार ने पहले अडानी मुद्दे पर जेपीसी की मांग कर रही कांग्रेस को झटका दिया था। अब उन्होंने पीएम नरेंद्र मोदी की डिग्री का मुद्दा उछाल रही आम आदमी पार्टी (आप) और उसके संयोजक अरविंद केजरीवाल को नसीहत दी है। शरद पवार ने रविवार को नासिक में मीडिया से कहा कि पीएम की डिग्री का मुद्दा राजनीतिक नहीं है। उन्होंने उल्टे सवाल पूछा कि क्या देश के सामने डिग्री ही बड़ा सवाल है और क्या मेरी या आपकी डिग्री कोई मायने रखती है? शरद पवार ने आप का नाम न लेते हुए नसीहत देते हुए कहा कि आज देश में महंगाई, बेरोजगारी, कानून-व्यवस्था जैसे मुद्दे हैं। केंद्र सरकार को इन मुद्दों पर घेरना चाहिए।

sharad pawar 12

बता दें कि आप के नेता पिछले कुछ दिन से पीएम मोदी की डिग्री का मुद्दा उछाल रहे हैं। रविवार से आप के नेताओं ने खुद अपनी डिग्रियां सार्वजनिक करनी शुरू की हैं। हालांकि, इस मुद्दे पर आप के संयोजक और दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल को गुजरात हाईकोर्ट से झटका तक लग चुका है। पीएम मोदी की डिग्री सार्वजनिक करने की मांग करते हुए केजरीवाल ने हाईकोर्ट में अर्जी दी थी। जिस पर हाईकोर्ट ने उन्हें फटकार लगाते हुए 25000 रुपए का जुर्माना भी लगा दिया था। इसके बाद भी आप के नेता लगातार पीएम मोदी को डिग्री के मामले में घेर रहे हैं। जबकि, बीजेपी की तरफ से साल 2016 में अमित शाह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर पीएम मोदी की ग्रेजुएशन और एमए की डिग्री सार्वजनिक की थी। गुजरात यूनिवर्सिटी ने भी पीएम मोदी की डिग्री अपनी वेबसाइट पर सार्वजनिक कर रखी है।

cm kejriwal and pm modi 12

शरद पवार से पहले उनके भतीजे और महाराष्ट्र के पूर्व डिप्टी सीएम अजित पवार ने भी पीएम की डिग्री मुद्दे पर सियासत को बेफालतू बताया था। अजित पवार ने कहा था कि मोदी अपनी डिग्री की वजह से नहीं, बल्कि अपनी करिश्माई छवि की वजह से जीतते हैं। अजित पवार ने ये भी कहा था कि निजी तौर पर वो ईवीएम के भी पक्ष में हैं, क्योंकि ईवीएम से वोट हासिल कर ही विपक्ष ने तमाम राज्यों में सरकार बनाई है।