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Maharashtra Political Crisis: बागी विधायकों के खिलाफ एक्शन में शरद पवार, प्रफुल्ल पटेल और सुनील तटकरे को दिखाया बाहर का रास्ता

Maharashtra Political Crisis: ध्यान दें कि बीते प्रफुल्ल पटेल भी अजित पवार के पाले में थे। बीते रविवार को भी पटेल भी राजभवन में शपथ ग्रहण समारोह में मौजूद थे। बीते दिनों प्रफुल्ल पटेल को एनसीपी की ओर से कार्यकारी अध्य़क्ष भी बनाया गया था। इतना ही नहीं, शरद पवार ने प्रेसवार्ता के दौरान यहां तक कहा था कि मुझे बिल्कुल भी विश्वास नहीं हो रहा है कि आखिर प्रफुल्ल पटेल ने मेरे खिलाफ यह कदम कैसे उठा लिया।

नई दिल्ली। महाराष्ट्र में शुरू हुआ सियासी घमासान थमने का नाम नहीं ले रहा है। इस घमासान की इबारत अजित पवार ने खुद अपने हाथों से लिखी है। बीते रविवार को उन्होंने अपने 9 समर्थक विधायकों के साथ मिलकर एनडीए को समर्थन दिया और राजभवन में सीएम शिंदे की मौजूदगी में मंत्री पद की शपथ भी ली। इसके अलावा उन्होंने बाद में प्रेसवार्ता में दावा किया कि उनके पाले में एनसीपी के 40 विधायक हैं। बता दें कि उनके इस दावे के बाद एनसीपी चीफ शरद पवार की टेंशन बढ़ गई, लेकिन अब वो सभी बागी विधायकों के खिलाफ एक्शन मोड में आ चुके हैं। वहीं, अब खबर है कि एनसीपी ने प्रफुल्ल पटेल और सुनील तटकरे को बाहर का रास्ता दिखा दिया है।

ध्यान दें कि बीते दिनों प्रफुल्ल पटेल भी अजित पवार के पाले में थे। बीते रविवार को भी पटेल राजभवन में शपथ ग्रहण समारोह में मौजूद थे। बीते दिनों प्रफुल्ल पटेल को एनसीपी की ओर से कार्यकारी अध्य़क्ष भी बनाया गया था। इतना ही नहीं, शरद पवार ने प्रेसवार्ता के दौरान यहां तक कहा था कि मुझे बिल्कुल भी विश्वास नहीं हो रहा है कि आखिर प्रफुल्ल पटेल ने मेरे खिलाफ यह कदम कैसे उठा लिया। वो तो मेरे विश्वासपात्रों में से एक थे। मैंने उन्हें पार्टी का कार्यकारी अध्य़क्ष की जिम्मेदारी भी थी, लेकिन इसके बावजूद भी मुझे धोखा दिया। हालांकि, शरद पवार ने विश्वास जताया कि वो अपनी पार्टी को दोबारा खड़ी कर लेंगे। वहीं, प्रफुल्ल पटेल को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाए जाने से पहले सुप्रिया सुले ने शरद पवार को पत्र लिखा था, जिसमें उन्होंने शरद पवार से प्रफुल्ल पटेल के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की सिफारिश की थी।

सुप्रिया सुले ने अपने पत्र में लिखा था कि सुनील तटकरे और प्रफुल्ल पटेल ने गत 2  जनवरी को पार्टी के संविधान का उल्लंघन किया था। मैं शरद पवार से अनुऱोध करती हूं कि वो संविधान की 10वीं अनुसूची के तहत कार्रवाई करें। वहीं, जयंत पाटिल ने भी पार्टी की अनुशासनात्मक समिति को पत्र लिखकर प्रफुल्ल पटेल के  खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी। वहीं, अजित पवार  सहित 9 विधायकों को अयोग्य घोषित करने की मांग को लेकर पार्टी की अनुशासनात्मक समिति की ओर से प्रस्ताव पेश किया गया था। इन बागी विधायकों के खिलाफ पार्टी विरोधी गतिविधियों में संलिप्त होने के आरोप में कार्रवाई की मांग की थी। वहीं इससे पहले एनसीपी कार्यालय से प्रफुल्ल पटेल की तस्वीरें हटा ली गई थीं, तभी से यही यह संकेत तेज हो गए थे कि आगामी दिनों मे उनके खिलाफ कार्रवाई की जा सकें। बहरहाल, अब आगामी दिनों में महाराष्ट्र की राजनीति में क्या कुछ परिवर्तन देखने को मिलता है। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी।