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Congress President: कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए अशोक गहलोत और शशि थरूर का नाम उछला, लेकिन राहुल की ये FB पोस्ट कह रही कुछ और!

क्या सब कुछ दिखावे के लिए हो रहा है? क्या पहले से तय है कि राहुल गांधी को ही एक बार फिर कांग्रेस अध्यक्ष चुन लिया जाएगा? और अगर ऐसा होता है, तो क्या कांग्रेस में फिर नाराज नेताओं की नई भीड़ दिखेगी? सवाल कई हैं। जिनके जवाब 17 अक्टूबर को चुनाव के नतीजे आने के बाद मिलने की उम्मीद है।

नई दिल्ली। कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए नामांकन का दिन करीब आ गया है। 24 सितंबर से देश की सबसे पुरानी पार्टी के अध्यक्ष पद के चुनाव के लिए कांग्रेस के नेता परचा भर सकेंगे। सोमवार यानी बीती रात ये खबर आई थी कि कांग्रेस की कार्यकारी अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कहा है कि पार्टी का अध्यक्ष गांधी परिवार से नहीं होगा। ये खबर भी आई कि कांग्रेस के सांसद शशि थरूर और राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ेंगे, लेकिन राहुल गांधी की एक फेसबुक पोस्ट ने फिर चर्चा का बाजार गर्म कर दिया। केरल में नौका दौड़ की फोटो लगाकर किए गए इस फेसबुक पोस्ट में राहुल ने लिखा, ‘जब नाव बीच मंझधार में फंस जाए, तब पतवार अपने हाथ में लेनी ही पड़ती है। ना रुकेंगे, ना झुकेंगे, भारत जोड़ेंगे।’

rahul gandhi fb post

राहुल की इस पोस्ट में भारत जोड़ेंगे की बात है, जो उनकी ‘भारत जोड़ो यात्रा’ के बारे में बता रही है। फिर इस पोस्ट की शुरुआत में मंझधार में फंसी नाव और पतवार अपने हाथ में लेने की जो बात कही गई है, वो आखिर किस ओर इशारा है? ये सवाल इसलिए क्योंकि भारत जोड़ो यात्रा के साथ मंझधार में फंसी नाव और पतवार हाथ में लेने का कोई तुक नहीं बैठ रहा है। बता दें कि 7 राज्यों की कांग्रेस कमेटियां राहुल गांधी को ही फिर पार्टी अध्यक्ष बनाने का प्रस्ताव भी पास कर चुकी हैं। राहुल को कांग्रेस अध्यक्ष बनाने के सबसे मुखर आवाजों में राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत हैं। उनके राज्य की कांग्रेस कमेटी ने भी ये प्रस्ताव पास किया है। फिर खबर ये भी है कि गहलोत भी कांग्रेस अध्यक्ष का चुनाव लड़ेंगे।

sonia and rahul gandhi

तो क्या सब कुछ दिखावे के लिए हो रहा है? क्या पहले से तय है कि राहुल गांधी को ही एक बार फिर कांग्रेस अध्यक्ष चुन लिया जाएगा? और अगर ऐसा होता है, तो क्या कांग्रेस में फिर नाराज नेताओं की नई भीड़ दिखेगी? सवाल कई हैं। जिनके जवाब 17 अक्टूबर को चुनाव के नतीजे आने के बाद मिलने की उम्मीद है। फिलहाल तो शशि थरूर और अशोक गहलोत का नाम आगे चल रहा है। सबकी नजर इस पर है कि इन दोनों में से कोई कांग्रेस की मंझधार में फंसी नाव का पतवार हाथ में लेता है, या राहुल गांधी ही आखिर में इस काम को करते हैं।